Citizenship Amendment Act (CAA): दिल्ली पुलिस की अंदरूनी जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि 15 दिसंबर को दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान 2 पुलिसवालों ने ही तीन छात्रों को गोली मारी थी। हालांकि इससे पहले दिल्ली पुलिस यह कहती आई थी कि 15 दिसंबर को हुए बवाल में पुलिस की तरफ से एक भी गोली नहीं चलाई गई थी।
Southeast district पुलिस ने जांच के बाद केस डायरी तैयार की है। ‘The Indian Express’ को मिली जानकारी के मुताबिक छात्रों को गोली मारने की घटना की जांच के दौरान Southeast district पुलिस ने कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से पूछा था कि क्या उन्होंने गोली चलाई थी? लेकिन किसी ने भी गोली चलाने की बात नहीं स्वीकार की थी।
हालांकि 18 दिसंबर को इस घटना से जुड़ा एक वीडियो वायरल आया था जिसमें दो पुलिस वाले एक वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी में फायरिंग करते हुए नजर आ रहे थे। Southeast district पुलिस ने गोली चलाने वाले की पहचान एसीपी के तौर पर की है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक वीडियो में नजर आने के बाद उन्होंने कहा है कि यह गोली उन्होंने आत्मरक्षा में चलाई थी। यह बयान भी केस डायरी में दर्ज किया गया है।
जामिया नगर हिंसा मामले में जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 2 मामले दर्ज किये गये हैं और दोनों में ही पुलिस फायरिंग का कोई जिक्र नहीं किया गया है। इस केस से संबंधित डायरी को जल्दी ही क्राइम ब्रांच (एसआईटी) को सौंपा जाएगा। पुलिस कमिशनर अमूल्या पटनायक के निर्देश पर क्राइम ब्रांच 10 अलग-अलग हिंसा की घटनाओं की जांच कर रही है। जामिया में हुए प्रदर्शन में पुलिस ने गोली चलाई थी या नहीं? इसके बारे में डीसीपी बिस्वाल ने कहा है कि ‘अभी मामले की जांच चल रही है और वो इसपर अभी कुछ भी नहीं बोल सकते।’
जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से घायल होने वाले छात्रों में 20 साल के अजाज अहमद और 23 साल के मोहम्मद शोएब को सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। जबकि तीसरे छात्र मोहम्मद तईमीन को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आपको बता दें कि जिन तीन छात्रों को गोली लगी थी उन तीनों छात्रों को अब अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। जल्दी ही एसआईटी उनसे संपर्क कर इस मामले में पूछताछ कर इनके बयान भी दर्ज करेगी।