दिल्ली पुलिस के साइबर-क्राइम सेल ने किसान विरोध प्रदर्शनों पर टूलकिट को बनाने वालों के खिलाफ “राष्ट्रद्रोह”, “आपराधिक षड्यंत्र” और “घृणा को बढ़ावा” देने के आरोप में एक एफआईआर दर्ज की है, जिसे स्वीडन की मशहूर बाल पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने साझा की थी। 18 वर्षीय ग्रेटा ने बुधवार को अपने मूल ट्वीट को हटा दिया, लेकिन बुधवार रात एक अन्य टूलकिट को ट्वीट किया।
इस बीच पुलिस ने कहा किसानों के विरोध-प्रदर्शन और 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान की हिंसा टूलकिट में कथित रूप से साझा किया गया एक्शन-प्लान की नकल थी। दिल्ली पुलिस के स्पेशल पुलिस कमिश्नर प्रवीर रंजन ने मीडिया से बात करते हुए साफ किया है कि उन्होंने एफआईआर में किसी के नाम का जिक्र नहीं किया है, साथ ही बताया कि सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर जो टूलकिट जारी की गई थी, उसको बनाने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है। पहली नजर में ऐसा लगता है कि इस टूलकिट को खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने लिखा है।
राजन ने बताया कि किसान आंदोलन काफी समय से चल रहा है, इसलिए दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया की मानीटरिंग कर रही है और अब तक करीब 300 हैंडल्स की पहचान कर चुकी है।
I still #StandWithFarmers and support their peaceful protest.
No amount of hate, threats or violations of human rights will ever change that. #FarmersProtest— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 4, 2021
“दिल्ली पुलिस ने उन हैंडल के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं, जो या तो फर्जी समाचारों को आगे बढ़ा रहे हैं या फिर किसी तरह की अफवाह फैला रहे हैं। इस दौरान हमें एक खास प्लेटफ़ॉर्म पर सोशल मीडिया हैंडल पर अपलोड किए गए कुछ दस्तावेज़ मिले हैं। इस टूलकिट में एक विशेष खंड है, जिसमें 26 जनवरी या उससे पहले और उसके बाद हैशटैग के माध्यम से डिजिटल स्ट्राइक करने की बात की गई है। यह ट्वीट 23 जनवरी से शुरू किया जा रहा है। 26 जनवरी को सीधे एक्शन की बात कही गई थी। और किसानों के आंदोलन को देखने या दिल्ली मार्च में शामिल होने को कहा गया था।”
विशेष सीपी ने कहा, “यदि आप 26 जनवरी की हिंसा सहित अन्य घटनाओं को देखें, तो पता चलता है कि इसमें उसी एक्शन प्लान को अमल में लाया गया है। यह चिंता का विषय है। निश्चित रूप से इस टूलकिट को बनाने वालों का इरादा सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच मतभेद पैदा करना है और सरकार के खिलाफ असहमति और दुर्भावना को प्रोत्साहित करना है। इसका उद्देश्य सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ना है।”
एफआईआर की खबर सामने आते ही थनबर्ग ने ट्वीट किया: “मैं अभी भी किसानों के आंदोलन के साथ हूं और उनके शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन करती हूं। नफरत, धमकी या मानवाधिकारों के उल्लंघन की कोई भी सीमा हमें नहीं बदल सकती है।”
थनबर्ग ने यह भी कहा कि उसने पिछले ट्वीट और टूलकिट को हटा दिया है, क्योंकि यह तब से “भारत में दूसरे लोगों द्वारा अपडेट” की गई थी। उन्होंने ट्वीट किया कि नया टूलकिट का उद्देश्य “भारत में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन से अपरिचित लोगों को स्थिति को बेहतर ढंग से समझाना है ताकि वह खुद उसके बारे में विश्लेषण करके समर्थन करने के बारे में निर्णय ले सके।”