भीड़भाड़ वाली जगहों पर प्लान बनाकर जेब काटने वाले एक राष्ट्रीय गैंग को दिल्ली पुलिस ने धर दबोचा है। इस गिरोह के चोर बेहद स्मार्ट तरीके से अपनी कारगुजारियों को अंजाम दिया करते थे। इस गैंग के निशाने पर सबसे ज्यादा पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम होते थे। इन कार्यक्रमों में होने वाली भारी भीड़ इनके धंधे के लिए सबसे सही जगह हुआ करती थी। पुलिस ने गिरोह के सरगना को उसके साथी सहित गिरफ्तार किया है। पुलिस की मानें तो ये वही गैंग है जिसने ईस्टर्न पेरिफेरल हाईवे के उद्घाटन में कई लोगों की जेबें साफ कर दी थीं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था।
इस गैंग को दिल्ली पुलिस की एंटी रॉबरी और स्नेचिंग सेल और एटीएस की टीम ने साथ मिलकर गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस के उत्तर पूर्वी इलाके के पुलिस उपाधीक्षक अतुल ठाकुर ने बताया,”गैंग के सरगना का नाम असलम है। असलम नंदनगरी थाना क्षेत्र का कुख्यात अपराधी है। जबकि दूसरा अपराधी हर्ष विहार इलाके का मुकेश उर्फ गोलू है। इन दोनों अपराधियों को एसीपी गजेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर विनय यादव की टीम ने गिरफ्तार किया है। असलम अपने गैंग में जेबकाटने के लिए सिर्फ 18 साल से कम उम्र के लड़कों को शामिल करता था।
चोरों की ये हाई प्रोफाइल गैंग कारनामों को अंजाम देने के लिए भी बड़ी जगहों का ही चुनाव किया करती थी। गैंग के सदस्य पीएम मोदी की रैली के अलावा बड़े शहरों में होने वाले लाइव कॉन्सर्ट, बड़े धार्मिक आयोजनों, आॅटो शो, एफ—1 कार रेस जैसे आयोजनों में महंगे कपड़े पहनकर शामिल हुआ करते थे। बेपरवाही में खड़े लोगों की जेब काटना इन शातिरों के बाएं हाथ का खेल था। वहीं से ये बदमाश मोटा कैश और सैकड़ों मोबाइल पार करके लाया करते थे।
दिल्ली पुलिस ने इन चोरों से 46 महंगे स्मार्टफोन बरामद किए हैं। ये सारे मोबाइल गैंग के सदस्यों ने ओडिशा की पुरी रथयात्रा से चुराए हैं। बदमाशों के पास से चोरी की बाइक, पिस्टल और चार जिंदा कारतूस भी मिले हैं। गैंग का सरगना असलम 19 मामलों में वांछित है। उसके गैंग ने बीते कुछ सालों में 5000 से ज्यादा फोन चुराए हैं। ये सारे मोबाइल जस्टिन बीबर शो, बड़े शहरों के लाइव कॉन्सर्ट, आॅटो एक्सपो, एफ—1 कार रेस, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस—वे के उद्घाटन कार्यक्रम, मुंबई के गणपति विसर्जन, दिल्ली, मोहाली, जयपुर में होनेवाले आईपीएल टी-20 मैचों व अन्य कार्यक्रमों में की गईं। गैंग के सदस्य न्यू ईयर पर गोवा और मुंबई की दही-हांडी जैसे कार्यक्रमों में भी जरूर जाता था।

पुलिस के मुताबिक गैंग को बड़े कार्यक्रमों की जानकारी अखबारों के विज्ञापनों से हुआ करती थी। ये गैंग पहले आॅनलाइन टिकट बुक करवाया करता था और फिर फ्लाइट से उस शहर में पहुंचकर जेबों को साफ किया करता था। वापस लौटने के लिए भी दूरंतो और राजधानी जैसी महंगी ट्रेनों का सहारा लिया जाता था। गैंग एक कार्यक्रम में कम से कम 60 मोबाइल चुराने का लक्ष्य लेकर जाया करता था। गैंग का चोरी के मोबाइल को ठिकाने लगाने का तरीका भी बेहद अनोखा था। असलम कई मोबाइल सर्विस सेंटरों और मोबाइल रिपेयरिंग करने वालों को जानता था। असलम के गैंग के चुराए हुए मोबाइल को सर्विस सेंटर वाले पुर्जे—पुर्जे में खोल दिया करते थे। इसके बाद सर्विस के लिए आने वाले मोबाइलों में स्क्रीन, बैटरी और अन्य महंगे पुर्जे लगाकर कस्टमर्स से ओरिजनल पार्टस के नाम पर पैसे वसूले जाते थे।