Delhi Road Renamed: केंद्र में जब से मोदी सरकार बनी है, नामकरण की परंपरा भी शुरू हो चुकी है। कई ऐतिहासिक जगहों के नाम बदले गए हैं। बात अगर अकेले दिल्ली को हो तो यहां भी कई बड़ी जगहों के नाम बदले गए हैं। कुछ का कनेक्शन अंग्रेजों के शासन से है तो वहीं कुछ का वास्ता मुगल काल से है। अब तो तुगलक लेन का नाम भी बदला जा सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ बीजेपी सांसदों ने अपने पते पर तुगलग लेन की जगह विवेकानंद मार्ग लिख दिया है।

दिल्ली में कहां-कहां बदले नाम?

सबसे पहले मोदी सरकार ने 7 रेस कोर्स का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग किया था, तर्क दिया गया था कि गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिलना जरूरी है। इसके बाद केंद्र ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए राजपथ का नाम बदल कर्तव्य पथ कर दिया था। फिर 2023 में राष्ट्रपति भवन में मौजूद मुगल गार्डन का नाम भी चेंज कर अमृत उद्यान कर दिया गया। इसके बाद भी नाम बदलने का सिलसिला दिल्ली में थमा नहीं।

दिल्ली में नाम बदलना क्यों मुश्किल?

कुछ समय पहले ही डलहौजी रोड का नाम भी बदला गया है, अब यह दारा शिकोह मार्ग के नाम से जाना जाता है। चर्चित औरंगजेब रोड का नाम भी सरकार ने कुछ समय पहले ही बदला है, इसे अब अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया है। लेकिन एक काफी दिलचस्प चीज है, अभी तक दिल्ली में सरकार द्वारा सिर्फ रोड या फिर उद्यान के नाम बदले गए हैं। किसी बी गांव या इलाके नाम नहीं बदला गया है। इसका भी स्पष्ट कारण है- किसी भी जगह का नाम बदलना काफी मुश्किल होता है।

नियम क्या कहते हैं?

वैसे दिल्ली में नाम बदलने को लेकर कुछ गाइडलाइन बनी हुई हैं। अगर किसी भी गांव या इलाके नाम बदलना है तो सबसे पहले नाम बदलने का कारण बताना होगा, फिर उस रिपोर्ट को गृह मंत्रालय को भेजना होगा। अब यह गृह मंत्रालय के ऊपर है कि उन्हें उस अपील पर मुहर लगानी है या नहीं। इस समय क्योंकि दिल्ली और केंद्र में बीजेपी की सरकार है, माना जा रहा है कि नाम बदलने की प्रक्रिया कुछ आसान हो सकती है। अभी तो तुगलक रोड की जगह भी विवेकानंद मार्ग लिखा जाने लगा है, पूरी खबर यहां पर