Delhi-NCR Transport Strike Today: अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं जरा सोच समझकर घर से बाहर निकलें, चूंकि विभिन्न ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने नए मोटर वाहन अधिनियम में भारी जुर्माने के प्रावधान के खिलाफ एक दिन की हड़ताल रखने की घोषणा की है। कमर्शियल वाहन चालकों का कहना है कि सरकार पहले सुविधा दे और अपना सिस्टम दुरुस्त करे। उसके बाद इतना भारी चालान लगाएं।
दावा किया जा रहा है कि इस हड़ताल में स्कूल बस, ऑटो, टैक्सी, ओला-उबर टेम्पो संचालक भी शामिल हैं। ऐसे में एहतियातन दिल्ली एनसीआर में कुछ स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद आदि के जिन निजी स्कूलों के पास अपनी बसें नहीं हैं, उन्होंने आज छुट्टी रखी
हड़ताल के चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में पड़ा है। आज सुबह हजारों लोगों को दफ्तर पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इसी बीच खबर है कि दिल्ली-एनसीआर में जो ऑटो नजर आ रहे हैं उन्हें भी जबरन रुकवाया जा रहा है।
इसके अलावा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी कैब को रुकवाया गया। विभिन्न जगहों पर ओला-उबर को भी रुकवाकर सड़क किनारे खड़ा किया जा रहा है। खबर है कि हड़ताल के चलते नोएडा सेक्टर 63 में खूबतोड़ हुई है। दिल्ली के आनंद विवार इलाके में वाहनों में तोड़फोड़ की खबर है।।


यूनियन फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने हड़ताल का जिम्मेदार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को ठहराया है।
हड़ताल के चलते आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऑफिस जाने वाले व्यक्तियों के अलावा गुरुवार को अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने वाले अभिभावकों को भी दिक्कते आईं। यहां तक की हड़ताल के चलते दिल्ली के कई स्कूलों को बंद कर दिया गया।
ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा सरकार से मांग है कि वह जुर्माना राशि कम करें। गरीब चालक इतनी अधिक जुर्माने की राशि वहन नहीं कर सकता है।
दिल्ली में 90 हजार ऑटो और पौने तीन लाख टैक्सी चलती हैं। आजादपुर मंडी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन भी इस हड़ताल का हिस्सा हैं। दिल्ली सरकार को दूसरे राज्यों की तरह यातायात नियम तोड़ने पर बढ़ी जुर्माना राशि को कम करना चाहिए। वाहन संचालकों का कहना है कि बढ़ी जुर्माना राशि का खामियाजा चालकों और व्यावसायिक वाहन मालिकों को भुगतना पड़ रहा है।
रिपोर्ट्स की मानें तो सिर्फ स्कूल ही नहीं, बल्कि नोएडा में कई कंपनियों और इंडस्ट्री ने भी आज काम नहीं करने का ऐलान किया है। साथ ही कुछ स्कूलों में गुरुवार को होने वाली परिक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है।
दिल्ली एनसीआर के कई निजि स्कूलों को बंद कर दिया गया है। लोगों को इस हड़ताल की वजह से आने जाने में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शाहदरा इबहास अस्पताल के बाहर आटो स्टैंड पर आटो चालक अश्वनी कुमार ने कहा कि यहां 20 से 25 लोग रोज खड़े होते हैं लेकिन आज हड़ताल है। वह मरीजों को नहीं ले जा रहें हैं। जो जा रहा है वह मनमर्जी से पैसे ले रहे हैं।
यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव श्यामलाल गोला ने कहा- 15 दिन से केंद्र और दिल्ली सरकार से बात की कोशिश की थी लेकिन बात बनी नहीं। उन्होंने आगे कहा कि 9 सितंबर को धरना दिया। फिर भी बात सुनी नहीं गई। न्यू मोटर व्हीकल एक्ट के चालान की बढ़ी राशि से नाराजगी है। दिल्ली सरकार इस पर सुन नहीं रही। कुल 51 एसोसिएशन हमारे साथ हैं, जिसका असर दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बात नहीं सुनी गई तो दो दिन बाद रणनीति तय की गई है।
विभिन्न ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने नए मोटर वाहन अधिनियम में भारी जुर्माने के प्रावधान के खिलाफ एक दिन की हड़ताल रखने की घोषणा की है। कमर्शियल वाहन चालकों का कहना है कि सरकार पहले सुविधा दे और अपना सिस्टम दुरुस्त करे। उसके बाद इतना भारी चालान लगाएं। दावा किया जा रहा है कि इस हड़ताल में स्कूल बस, ऑटो, टैक्सी, ओला-उबर टेम्पो संचालक भी शामिल हैं।
हड़ताल के चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में पड़ा है। आज सुबह हजारों लोगों को दफ्तर पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इसी बीच खबर है कि दिल्ली-एनसीआर में जो ऑटो नजर आ रहे हैं उन्हें भी जबरन रुकवाया जा रहा है। इसके अलावा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी कैब को रुकवाया गया। विभिन्न जगहों पर ओला-उबर को भी रुकवाकर सड़क किनारे खड़ा किया जा रहा है।
नए मोटर अधिनियम को कई राज्य द्वारा लागू करने से इनकार के बाद उत्तराखंड ने इसे लागू करने का ऐलान किया है। हालांकि प्रदेश सरकार ने साफ किया कि केंद्र द्वारा सुझाए गए भारी जुर्माने में थोड़ी छूट दी जाएगी। सरकार ने साफ किया कि 2,500 रुपए का भारी जुर्माना सिर्फ अनधिकृत व्यक्तियों को वाहन चलाने की अनुमति देने वाले के खिलाफ ही होगा। केंद्र इसके गैर कानूनी गतिविधि के लिए पांच हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान रखा है। इस तरह अन्य तरह के जुर्माने में भी कटौती की गई है।
कई राज्य सरकारें भारी जुर्माने के प्रावधान से सहमत हैं जबकि कई राज्य ऐसे जिन्हें नए कानून को लागू नहीं किया। इसमें मध्य प्रदेश, ओडिशा, पडुचेरी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
दिल्ली और उससे सटे नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में इस हड़ताल का असर ज्यादा दिख रहा है। नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम में लोगों को दफ्तर पहुंचने में दिक्कत पेश आ रही है। इसके साथ दिल्ली-एनसीआर में सड़क पर उतरे ऑटो को भी जबरन रुकवाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज स्कूल ट्रांसपोर्ट से जुड़ी 41 यूनियनों द्वारा बुलाए गए बंद के चलते बंद रहेंगे। छात्रों के परिजनों को स्कूल ने एक संदेश के जरिए यह जानकारी दी है कि गुरुवार को स्कूल बंद रहेंगे। ऐसे ही एक स्कूल जीडी सलवान पब्लिक स्कूल ने अपने संदेश में कहा, 'निजी ट्रांसपोर्ट की हड़ताल के चलते स्कूल नर्सरी, केजी और 10वीं के छात्रों के लिए बंद रहेंगे।' इसी तरह के संदेश अन्य स्कूलों ने भी छात्रों के परिजनों के भेजे।
नए मोटर व्हीकल एक्ट का देश भर के अलग-अलग राज्यों में भी विरोध हो रहा है। राज्य सरकारें भी इसे पूरी तरह से लागू करने से हिचक रही हैं। हड़ताल का आह्वान करने वाले संगठन यूएफटीए में ट्रक, बस, ऑटो, टेम्पो, मेक्सी कैब और टैक्सियों का दिल्ली/एनसीआर में प्रतिनिधित्व करने वाले 41 यूनियन और संघ शामिल हैं।
गुजरात सरकार ने बुधवार को हेलमेट और पीयूसी प्रमाणपत्रों के संबंध में नियमों के अनुपालन की समय सीमा को 15 अक्टूबर तक बढ़ाने का फैसला किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के मौजूदगी में कैबिनेट यह फैसला लिया।
दिल्ली, एनसीआर में आज दिन भर की ट्रांसपोर्ट हड़ताल सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक रहेगी, जिससे दिन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क बाधित रहेगा। कैब, ऑटो और बसें सड़कों पर नहीं उतरेंगी। ऐसे में दिल्ली मेट्रो और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा संचालित बसें में अतिरिक्त भीड़ आने की संभावना है।