राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण बीते कुछ दिनों से वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में लोग अपने घरों और कार्यालयों में हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए न केवल उपकरणों (Air Purifier) का सहारा ले रहे हैं बल्कि ऑक्सीजन बढ़ाने वाले पौधों को भी तेजी से अपना रहे हैं। इसका असर यह हुआ है कि बीते एक महीने में ऐसे पौधों की मांग लगभग तीन गुना तक बढ़ गई है।
नर्सरी संचालकों के अनुसार इन दिनों सबसे अधिक मांग ‘स्नेक प्लांट’ और ‘अरेका पाम’ की है। ये पौधे घरों के कमरों में आसानी से लगाए जा सकते हैं और ऑक्सीजन बढ़ाने के साथ-साथ हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों को भी कम करने में सहायक माने जाते हैं। छोटे गमलों में उपलब्ध होने के कारण इन्हें फ्लैटों में भी लोग खूब खरीद रहे हैं।
प्रदूषण नियंत्रण में इनडोर पौधों की उपयोगिता
इंडियन नर्सरी एसोसिएशन के अध्यक्ष वाईपी सिंह ने जनसत्ता को बताया कि प्रदूषण नियंत्रण में लाभकारी पौधों को लेकर कुछ वर्ष पहले एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में भी इनडोर पौधों की उपयोगिता बताई गई थी। उन्होंने कहा कि स्नेक प्लांट, पीस लिली, स्पाइडर प्लांट, ड्रेसीना और पार्लर पाम जैसे पौधे हवा में मौजूद कार्बन मोनोआक्साइड, बेंजीन और फार्मेल्डिहाइड जैसे हानिकारक रसायनों के प्रभाव को कम करते हैं।
तुलसी के पौधे की मांग भी बढ़ी
अध्नेयक्ष बताया कि कमरे के आकार के अनुसार पौधों का चयन करना जरूरी है। बड़े कमरों में एक-दो छोटे पौधों से विशेष लाभ नहीं होता इसलिए लोग एक कमरे में पांच से सात पौधे रखना अधिक पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा तुलसी के पौधे की मांग भी काफी बढ़ी है। जिन घरों में आंगन या खुली जगह है, वहां लोग बड़े आकार के अरेका पाम और बैम्बू पाम लगा रहे हैं। इन पौधों की कीमत 20 रुपए से लेकर एक हजार रुपये तक है।
