दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने के बाद शुक्रवार को GRAP 4 के बाद GRAP 3 की पाबंदियों को भी हटा दिया गया है। दिल्ली-NCR में प्रदूषण के स्तर में गिरावट के चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-3 के प्रतिबंधों को हटाने का फैसला लिया है। एक सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गई।

इस हफ्ते की शुरुआत में धीमी हवाओं, कम तापमान और कोहरे के कारण क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ गया था, जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रैप के तीसरे और चौथे चरण के तहत कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए थे। हालांकि, क्षेत्र में बारिश के बाद प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बीच आयोग ने गुरुवार को ग्रैप -4 के तहत प्रतिबंधों को हटा दिया था। शुक्रवार को तेज हवाओं के कारण प्रदूषण के स्तर में और कमी आई, जिसके बाद तीसरे चरण की पाबंदियों को भी वापस ले लिया गया है।

दिल्ली-एनसीआर से हटाई गईं यह पाबंदियां

ग्रैप के तीसरे चरण में अनावश्यक निर्माण कार्यों पर पाबंदी होती है। GRAP-3 लागू रहने पर स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में करना अनिवार्य होता है, जिसमें अभिभावकों और बच्चों के पास ऑनलाइन कक्षाएं करने का विकल्प होता है।

तीसरे चरण के तहत, दिल्ली और एनसीआर के आसपास के जिलों में BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल कारों (4-पहिया वाहन) का उपयोग प्रतिबंधित है। दिव्यांग व्यक्तियों को इससे छूट दी गई है। तीसरे चरण में दिल्ली में बीएस-4 या पुराने मानकों वाले गैर-जरूरी डीजल चालित मध्यम माल वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध है।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, हरियाणा सरकारों से पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने को कहा

वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते वायु प्रदूषण को एक गंभीर समस्या बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे निपटने के लिए जो उपाय आवश्यक हैं, वे भी सख्त होने चाहिए। अदालत ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों से कहा कि वे एनसीआर के अंतर्गत आने वाले अपने क्षेत्रों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएं।

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जस्टिस ए. एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस तथ्य पर गौर किया कि दिल्ली की तरह राजस्थान सरकार ने भी राज्य के एनसीआर क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री और जलाने पर स्थायी और पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। पीठ ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा से भी ऐसा ही करने को कहा है। इसने कहा कि जब तक ये दोनों राज्य आदेश पारित नहीं कर देते, तब तक पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का उसका पूर्व निर्देश मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 मार्च तक बढ़ाया जायेगा।

ग्रीन पटाखों पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने कहा, ‘‘पर्यावरणीय समस्याएं विकट हैं, इसलिए कठोर उपायों की आवश्यकता है।’’ साथ ही पीठ ने कहा कि अदालत को कार्रवाई करनी होगी और सख्त आदेश पारित करने होंगे, क्योंकि सरकार के अन्य अंग इसकी परवाह नहीं कर रहे हैं। इसने कहा कि वह अगली तारीख पर पटाखों के निर्माण और बिक्री में शामिल कंपनियों पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी। जब एक वकील ने अदालत से पूर्ण प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया तो पीठ ने कहा कि पर्यावरणीय समस्याएं उनके मुद्दों से पहले आती हैं। इसके बाद वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि कम से कम ग्रीन पटाखों की अनुमति दी जाए। पीठ ने कहा, ‘‘हमें इस बात की पड़ताल करनी होगी कि ग्रीन पटाखे कितने ग्रीन हैं।’’ पढ़ें- IMD Weather Forecast

(इनपुट-भाषा)