दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी की ओर बढ़ रही है और गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 375 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शहर में धुंध और स्मॉग के कारण विजिबिलिटी कम हो गई है। शहर में (पार्टिकुलेट मैटर) PM 2.5 का स्तर 184.4 और PM10 का स्तर 301.9 दर्ज किया गया है। दो दिन पहले, दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा कराने के दो प्रयास किए गए। हालांकि, आईआईटी-कानपुर के सहयोग से किए गए इन परीक्षणों के बाद दिल्ली में कोई बारिश दर्ज नहीं की गई।

क्लाउड सीडिंग के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और आईआईटी-कानपुर, दोनों ने कहा कि इस अभियान से पार्टिकुलेट मैटर (PM) को कम करने में मदद मिली। आइए देखते हैं आंकड़े क्या कहते हैं?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के आधिकारिक आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि मंगलवार को वायु गुणवत्ता में सुधार क्लाउड सीडिंग अभियान से कुछ घंटे पहले ही शुरू हो गया था, और प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव आया और बाद में यह बढ़ भी गया।

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क्लाउड सीडिंग के बाद कम हुआ दिल्ली में प्रदूषण?

क्लाउड सीडिंग का पहला चरण मंगलवार दोपहर 12:13 बजे से 2:30 बजे के बीच और दूसरा चरण दोपहर 3:45 बजे से 4:45 बजे के बीच चलाया गया। आईआईटी टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि परीक्षणों के बाद मयूर विहार में पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में गिरावट आई है। करोल बाग और बुराड़ी में भी इसी तरह की कमी दर्ज की गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, तीनों स्टेशनों पर पीएम 2.5 का स्तर पीएम 10 से ज़्यादा दिखा।

रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर कब दर्ज किया गया। उसी समय, जब बुराड़ी से डीपीसीसी के आंकड़ों की तुलना की गई तो पहली सीडिंग विंडो से पहले सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच पीएम 2.5 का स्तर 198 से 88 µg/m³ तक तेज़ी से गिर चुका था। प्रयोग के दौरान और बाद में, स्तर 92 और 97 µg/m³ के बीच रहा और आधी रात तक फिर से बढ़कर 144 µg/m³ हो गया। पीएम 10 का स्तर भी लगभग ऐसा ही रहा, दोपहर से पहले यह 295 से गिरकर 139 µg/m³ हो गया लेकिन शाम तक बढ़कर 209 µg/m³ हो गया। बुराड़ी का औसत AQI आधी रात से ही गिर रहा था, मंगलवार दोपहर 1 बजे तक यह 336 से गिरकर 319 हो गया।

दिल्ली के कई इलाकों में AQI चिंताजनक

गुरुवार को दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई चिंताजनक स्तर पर दर्ज किया गया। विवेक विहार में एक्यूआई 426 था जबकि आनंद विहार में 415, अशोक विहार में 414, बवाना में 419 और सोनिया विहार में 406 रहा जो गंभीर श्रेणी में आता है। सीपीसीबी के आकड़ों के अनुसार 38 में से 37 निगरानी केंद्रों ने AQI 300 से अधिक दर्ज किया है जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली में एक्यूआई 357 दर्ज किया गया जो एक दिन पहले 279 था। पर्यावरणविद विमलेंदु झा ने बताया कि सुबह के समय आसमान में पीले धुएं जैसी दिखाई देने वाली परत ‘स्मॉग’ है।

इससे पहले आईआईटी-कानपुर के निदेशक मनिंद्र अग्रवाल ने बुधवार को एक वीडियो संदेश में कहा था, “हमने प्रदूषण और नमी के स्तर को मापने के लिए विभिन्न स्थानों पर 15 स्टेशन स्थापित किए हैं। पीएम 2.5 और पीएम 10 की सांद्रता में कुछ कमी आई है। नमी के निम्न स्तर के बावजूद, सीडिंग का कुछ प्रभाव पड़ता है, हालाँकि ज्यादा नहीं।”

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