दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया। जफरुल पर सोशल मीडिया के जरिए भड़काऊ बयान देने का आरोप है। दिल्ली के वसंत कुंज के रहने वाले एक शख्स द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि जफरुल ने जानबूझकर देशविरोधी बयान दिया। पुलिस के मुताबिक, एफआईआर में कहा गया है कि जफरुल के फेसबुक और ट्विटर पर किए गए पोस्ट का कंटेंट भड़काऊ था और यह समाज में अशांति और अलगाव फैलाने के लिए था।

गौरतलब है कि जफरुल ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर धमकी दी थी कि अगर भारतीय मुस्लिमों ने अरब देशों से उत्पीड़न की शिकायत कर दी, तो सैलाब आ जाएगा। हालांकि, इस पर विवाद उठने के बाद अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने पोस्ट डिलीट कर लिया था और माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि उनका पोस्ट गलत समय पर आया और पूरी तरह असंवेदनशील था। इसका मकसद किसी की भावनाएं आहत करने का नहीं था।

जफरुल ने कहा था, “28 अप्रैल को मेरे द्वारा किया गया ट्वीट, जिसमें मैंने भारतीय मुस्लिमों के उत्पीड़न का संज्ञान लेने के लिए कुवैत का शुक्रिया कहा था, उससे कई लोग आहत हुए हैं, जो कि मेरा मकसद नहीं था। मुझे लगता है कि मेरा ट्वीट गलत समय पर और असंवेदनशील था, क्योंकि देश मेडिकल इमरजेंसी में है और एक अनेदेखे दुश्मन के खिलाफ लड़ाई में जुटा है। मैं उन सभी से माफी मांगता हूं, जिनकी भावनाएं आहत हुई थीं।”

जफरुल पर आईपीसी की धारा 124ए (देशद्रोह) और 153ए (समुदायों के बीच दुश्मनी भड़काने) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

जफरुल-इस्लाम खान ने फेसबुक पोस्ट में क्या कहा था?
दरअसल, जफरुल ने विवादित पोस्ट में भारत को धमकी देते हुए कुवैत की तारीफ की है। उन्होंने लिखा कि कुवैत का भारतीय मुस्लिमों के साथ खड़े होने के लिए शुक्रिया, जब हिंदुत्व धर्मांधो को लगा कि मुस्लिम और अरब जगत भारी आर्थिक दांव की वजह से कोई कुछ नहीं बोलेगा। लेकिन यह धर्मांध यह भूल गए कि इस्लाम के नाम पर किए गए कार्यों के लिए भारतीय मुस्लिमों की अरब और मुस्लिम जगत में अच्छी पहचान है।

जफरुल ने शाह वलिउल्लाह देहलावी, अब्दुल हसन नदवी, वहीदुद्दीन खान और विवादित इस्लामी नेता जाकिर नाइक का उदाहरण देते हुए कहा कि यह अरब और मुस्लिम जगत में सम्मानित नाम हैं। बता दूं धर्मांधों भारतीय मुस्लिमों ने अब तक अरब जगत से तुम्हारे नफरत भरे अभियानों, हत्याओं और दंगों की शिकायत नहीं की है। जिस दिन उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया, उस दिन सैलाब आ जाएगा।