दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को अब तक 8 समन भेजे जा चुके हैं। इसके बावजूद दिल्ली के सीएम पूछताछ के लिए अब तक जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए, जिसके बाद ED ने अदालत का रुख किया। शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी पर सुनवाई हुई। इस दौरान आप संयोजक के वकील ने कुछ अजीबोगरीब दलीलें दीं, साथ ही उन्होंने कार्यवाही पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता पेश हुए। वहीं, जांच एजेंसी की तरफ से ASG एसवी राजू वर्चुअली पेश हुए। सीएम केजरीवाल के वकील ने सुनवाई के दौरान कुछ अजीबोगरीब दलीलें दीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज तक कभी सूट नहीं पहना। उन्होंने कभी जूता भी नहीं पहना, सिर्फ चप्पल पहनते हैं।
गैर-हाजिरी के लिए बताए वैध कारण
सीएम केजरीवाल के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने हर समन में अपनी गैर-हाजिरी के लिए वैध कारण बताए हैं इसलिए वह कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध कर रहे हैं। केजरीवाल के वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा कि उन्होंने मुझे चेतावनी दी थी कि अगर वह समन भेजने के बाद भी हाजिर नहीं हुए तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा
अरविंद केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री एक लोक सेवक हैं और जांच एजेंसी ने केजरीवाल को व्यक्तिगत रूप से समन जारी करते हुए पेश होने के लिए बुलाया था। जब पॉलिसी लागू की गई तो वो मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे। शुरुआती तीन समन CM के तौर पर भेजे गए थे लेकिन बाद में उसको बदल दिया गया था। रमेश गुप्ता ने आगे कहा, ‘केजरीवाल बहुत सादे आदमी हैं। उन्होंने कभी सूट नहीं पहना। शर्ट पहनते हैं जो बाहर निकली रहती है। वह चप्पल पहनते हैं, जूता नहीं पहना। केजरीवाल दिन में रोज़ तीन बार कपड़े नहीं बदलते हैं।’
सीएम के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के कारण अनुपस्थित रहे
ईडी के समन पर सीएम अरविंद केजरीवाल का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील रमेश गुप्ता कहते हैं, “हमारे पास दो समन आदेशों के खिलाफ दो संशोधन हैं। एक तर्क पहले ही कल दिया गया था, आज हमने कुछ और दलीलें दी हैं। दूसरे, सीएम अरविंद केजरीवाल को समन भेजा गया था और उन्होंने इसका कारण बताया है इतने दिनों तक सीएम के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के कारण अनुपस्थित रहे। लेकिन समन जारी करते समय ईडी या अदालत द्वारा उस जवाब पर विचार नहीं किया गया और न ही जवाब दिया गया।”
इससे पहले कोर्ट में पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) राजू ने सवाल किया था कि क्या मुख्यमंत्री आम आदमी से बड़े हैं। AAP जो आम आदमी का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है, मुख्यमंत्री उसके मुखिया हैं। वो उद्घाटन करने चले जाते हैं, विपासना के लिए चले जाते हैं, क्या आम आदमी को ऐसी छूट मिलती है। ASG ने कहा कि कोर्ट में पेश होने से पहले अंतिम समय में ऐसी याचिका दाखिल कर राहत मांग करना अदालत पर प्रेशर बनाने जैसा है।