दिल्ली के एलजी सचिवालय ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वे अगले दो महीनों में राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों की पहचान के लिए एक विशेष अभियान शुरू करें। LG का कहना है कि इसके जरिये राजधानी में मुस्लिम समुदाय की मांग के अनुसार दिल्ली में रह रहे बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों की पहचान की जा सके और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

एलजी सचिवालय ने कहा कि यह कदम दरगाह हजरत निजामुद्दीन और बस्ती हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा शनिवार को एलजी वीके सक्सेना को दिए गए एक प्रतिनिधित्व के मद्देनजर उठाया गया है, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।

बांग्लादेश की स्थिति का हवाला देते हुए प्रतिनिधियों ने दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रतिनिधिमंडल के एक प्रतिनिधि ने कहा, “अगर बांग्लादेश मेरे हिंदू भाइयों जो वहां अल्पसंख्यक हैं उनके साथ दुर्व्यवहार करना जारी रखता है तो भारत सरकार को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। बांग्लादेश में अपने भाइयों के लिए आवाज़ उठाना मेरा कर्तव्य है। अगर यह जारी रहा, तो भारत में अवैध प्रवासियों को बाहर निकाला जाना चाहिए।”

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मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल की LG सक्सेना से मांग

सचिवालय के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने अनुरोध किया कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को न तो किसी प्रतिष्ठान द्वारा किराए पर मकान दिया जाए और न ही रोजगार दिया जाए। मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाए, घुसपैठियों को सड़कों, फुटपाथों, पार्कों और अन्य सरकारी जमीनों से हटाया जाए जिन पर बलपूर्वक अतिक्रमण किया गया है, और उनके अवैध रूप से हासिल किए गए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड जैसे दस्तावेजों को रद्द किया जाए।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार

बांग्लादेश ने मंगलवार को स्वीकार किया कि अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने के बाद अल्पसंख्यकों, मुख्य रूप से हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा की 88 घटनाएं हुईं। अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि इन घटनाओं में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आलम ने संवाददाताओं को बताया कि 5 अगस्त से 22 अक्टूबर तक अल्पसंख्यकों से संबंधित घटनाओं में कुल 88 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा, “मामलों और गिरफ्तारियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है क्योंकि पूर्वोत्तर सुनामगंज, मध्य गाजीपुर और अन्य क्षेत्रों में भी हिंसा के नए मामले सामने आए हैं।” पढ़ें- बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जमकर हुई हिंसा, युनूस सरकार ने कबूली सच्चाई; जानें कितने मामले दर्ज