अवैध रूप से बांग्लादेशियों की पहचान के लिए के लिए 16 हजार से अधिक बांग्ला भाषियों की जांच की गई है। दिल्ली पुलिस की माने तो दिसंबर 2024 से अब तक हुई प्रक्रिया में ये जानकारी सामने आई है। दरअसल ये मामला तब सामने आया जब दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के कार्यालय से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को पहचान के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा अभियान चलाने की शुरुआत हुई। बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद ये अभियान तेज कर दिया गया।
दिल्ली पुलिस द्वारा चलाए गए अवैध बांग्लादेशियों की पहचान के लिए बाहर से आने वाले मजदूरों, लेबर चौकों, अनौपचारिक रूप से बने हुए घरों पर कई टीमें भेजीं गई, ताकि वहां रहने वाले बांग्ला भाषियों का सत्यापन अभियान चलाया जा सके। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि इस जांच प्रक्रिया में संदिग्धों के गहन दस्तावेजों की जांच की गई। उनके पास मौजूद प्रमाण पत्रों का सत्यापन उनके गृह राज्यों से भी कराया गया। ऐसे में जो भी अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी पाए गए उनको निर्वासन के लिए एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) को सौंप दिया गया।
बड़ी संख्या में पकड़े अवैध बांग्लादेशी
दरअसल बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद शुरू हुए बवाल के दौरान बड़ी संख्या में बांग्लादेशी भारत आए। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने अवैध बांग्लादेशियों की जांच अभियान शुरू कर दिया। पिछले कई दिनों से बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी पकड़े भी जा रहे हैं। जिसके बाद उनको भेजने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है।