दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल के एक वार्ड ब्वॉय की कोरोना के चलते मौत हो गई है। हैरानी की बात ये है कि अपने ही कर्मचारी के शव को ले जाने के लिए भी अस्पताल प्रशासन द्वारा एंबुलेंस मुहैया नहीं करायी गई। वार्ड ब्वॉय के परिजनों को ही अपने खर्चे पर एंबुलेंस का इंतजाम करना पड़ा। मृतक वार्ड ब्वॉय राजू के बेटे का कहना है कि “उनकी सैलरी आज मिली है, लेकिन अब उसका क्या करेंगे? जब वह जिंदा थे, तब हमने काफी मुश्किलों का सामना किया…अब अस्पताल ने उनके अंतिम संस्कार के लिए एक एंबुलेंस का भी इंतजाम नहीं किया है। हमने खुद 5000 रुपए देकर एंबुलेंस ली है।”

बता दें कि हिंदू राव अस्पताल को बीते दिनों कोविड 50 बेड वाली केयर फैसिलिटी में तब्दील किया गया था। इसके बाद से स्टाफ के किसी सदस्य की कोरोना से मौत का यह पहला मामला है। उल्लेखनीय है कि हिंदू राव अस्पताल के कर्मचारियों को कई महीने से सैलरी भी नहीं मिली थी, जिसे लेकर बीते दिनों कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन भी किया था।

कोरोना के चलते जान गंवाने वाले वार्ड ब्वॉय को डायबिटीज और हाइपरटेंशन की भी समस्या थी। हिंदू राव अस्पताल के कोविड केयर सेंटर बनाने से पहले 78 कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। बीते हफ्ते ही अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में काम करने वाले लैब टेक्नीशियन की मौत हो गई थी।

वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले कोरोना मरीजों को अब अपने खर्च पर या सार्वजनिक वाहनों से अपने घर जाना होगा। सरकार के अनुसार, अब डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलेगी। अभी तक सरकार यह सुविधा दे रही थी। जिसे अब वापस ले लिया गया है। सरकार की गाइडलाइंस में कहा गया है कि डिस्चार्ज मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा देने से कई बार गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों को एंबुलेंस मिलने में देरी होती है।