Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में एक वकील के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की। वकील ने न्यायपालिका के खिलाफ भ्रष्टाचार के बेबुनियाद आरोप लगाए थे।
19 सितंबर को एक आदेश में जस्टिस अमित शर्मा ने वकील वेदांत कुमार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की थी। आदेश में कहा गया था कि प्रथम दृष्टया अदालत का मत है कि प्रतिवादी ने न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 2(सी) में परिभाषित आपराधिक अवमानना की है। इसने मामले को अवमानना कार्यवाही के लिए रोस्टर बेंच के समक्ष आगे की कार्यवाही के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
जस्टिस शर्मा ने वकील को अगली सुनवाई की तारीख 19 नवंबर को रोस्टर बेंच के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का भी निर्देश दिया।
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20 दिसंबर, 2023 को अधिवक्ता ने न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाने के लिए अदालत के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी थी और कहा था कि वह भविष्य में ऐसा कभी नहीं करेंगे, लेकिन जनवरी 2024 में उन्होंने कथित तौर पर एक ई-मेल लिखा था जिसमें अन्य निंदनीय, अपमानजनक और अवमाननापूर्ण आरोपों के साथ-साथ मानहानिपूर्ण सामग्री भी शामिल थी।
एक सिविल मुकदमे में शामिल वकील ने न्यायपालिका पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। वेदांत द्वारा न्यायपालिका पर बार-बार लगाए गए “भ्रष्टाचार के बेबुनियाद आरोपों” को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने कहा कि उनकी टिप्पणियां “अवमाननापूर्ण, अपमानजनक और निंदनीय प्रकृति की” हैं। कोर्ट ने कहा कि न्यायालय के अधिकार को बदनाम करने और कम करने के समान हैं। यह न्यायिक कार्यवाही और न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने की ओर अग्रसर है।
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