दिल्ली हाई कोर्ट ने मंदिरों के पास तंबाकू उत्पादों पर बैन लगाने की जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने मंदिरों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने 15 जनवरी को पारित आदेश में कहा कि अगर सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध तथा व्यापार और वाणिज्य विनियमन) अधिनियम-2003 का कोई उल्लंघन होता है तो संबंधित अधिकारी आवश्यक कार्रवाई करेंगे। पीठ ने कहा, ‘‘हम इस याचिका को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करना उचित नहीं समझते हैं।’’
धार्मिक स्थलों के पास तंबाकू उत्पाद बेचने पर बैन की मांग
याचिकाकर्ता अभिमन्यु शर्मा ने आरोप लगाया कि धार्मिक स्थलों के पास तंबाकू उत्पाद बेचे जाते हैं। उन्होंने अधिकारियों को मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों के पास ऐसे उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया। याचिकाकर्ता ने यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि तंबाकू उत्पादों का कारोबार करने वाले कोई अन्य वस्तु न बेचें।
जिस पर अदालत ने कहा, ‘‘यह कहने की जरूरत ही नहीं है, अगर संबंधित अधिकारियों को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध तथा व्यापार और वाणिज्य विनियमन) अधिनियम 2003 या इसके तहत बनाए गए किसी भी नियम का उल्लंघन मिलता है तो अधिकारियों को कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करनी होगी।’’
कर्नाटक में सरकारी दफ्तरों में तंबाकू उत्पादों पर बैन
इससे पहले कर्नाटक सरकार ने अपने कर्मचारियों को सरकारी ऑफिसों और उनके परिसरों में धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों के उपयोग पर बैन लगाने का निर्देश जारी किया था। यह फैसला वैधानिक चेतावनियों के बावजूद लगातार तंबाकू के उपयोग पर चिंता जताए जाने के बाद उठाया गया।
कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (DPAR) द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया, “सरकार को सार्वजनिक कार्यालय परिसर में कर्मचारियों द्वारा सिगरेट, गुटखा और पान मसाला सहित तंबाकू उत्पादों का सेवन करने की रिपोर्ट मिली है। सरकार के संज्ञान में आया है कि वैधानिक चेतावनियों के बावजूद सार्वजनिक कार्यालयों और उनके परिसरों में तंबाकू उत्पादों का सेवन किया जा रहा है।”
सर्कुलर में कहा गया कि कर्मचारियों के हेल्थ के फायदे के लिए, साथ ही जनता और अन्य सरकारी कर्मचारियों को धूम्रपान से बचाने के लिए, किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा सार्वजनिक कार्यालय और उसके परिसर में तंबाकू उत्पादों का उपयोग और धूम्रपान पूरी तरह से प्रतिबंधित है। पढ़ें- देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स
(भाषा के इनपुट के साथ)