हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग लगने के बाद भारी मात्रा में कैश मिलने पर मचे विवाद के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि मामले की जांच इन-हाउस कमेटी से नहीं बल्कि सीबीआई या ईडी से होनी चाहिए। उन्होंने जस्टिस वर्मा के लिए जेल की सजा की मांग की।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कहा, “क्या यह धारणा जो सर्वोच्च न्यायालय प्रशासन द्वारा दी जा रही है, उस पर आम जनता द्वारा विश्वास किया जा रहा है, यह सवाल है। जिस तरह से मामले को निपटाया जा रहा है, उससे जनता का विश्वास पहले ही खत्म हो चुका है। एक बार जनता का विश्वास खत्म हो गया, तो पूरा लोकतंत्र ध्वस्त हो जाएगा।”

‘मामले की जांच सीबीआई या ईडी से होनी चाहिए’

अनिल तिवारी ने आगे कहा, “जिस तरह से कार्यवाही चल रही थी, उससे आम जनता के मन में संदेह पैदा होता है-एक विशेष न्यायाधीश की ईमानदारी पर संदेह और जिस तरह से मामले को निपटाया जा रहा है, उस पर संदेह। मेरा कहना है कि मामले की जांच इन-हाउस कमेटी से नहीं बल्कि सीबीआई या ईडी से होनी चाहिए। मेरा कहना है कि इसमें खामियां हैं। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मौजूदा सीएम थे, उन्हें जेल भेजा गया, उन्हें आपराधिक मामलों में कोई सुरक्षा नहीं दी गई। फिर जस्टिस यशवंत वर्मा को यह विशेष सुविधा क्यों दी जा रही है? उनके साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए।”

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने सौंपी रिपोर्ट

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर नकदी मिलने के मामले में सीजेआई संजीव खन्ना को एक रिपोर्ट सौंप दी है। न्यायमूर्ति उपाध्याय ने घटना के संबंध में साक्ष्य और जानकारी एकत्रित करने के लिए आंतरिक जांच प्रक्रिया शुरू की थी और सबूत और जानकारी एकत्र की थी। उन्होंने अग्निशमन विभाग और पुलिस समेत सभी संबंधित अधिकारियों से बात करने के बाद शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट प्रधान न्यायाधीश को सौंप दी। सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम रिपोर्ट की पड़ताल करेगा और फिर कोई कार्रवाई कर सकता है।

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जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिली थी बड़ी मात्रा में नकदी

दरअसल, 14 मार्च की रात लगभग 11.35 बजे न्यायमूर्ति वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में आग लगने के बाद फायरब्रिगेड कर्मचारी आग बुझाने पहुंचे थे। इस दौरान वहां कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की है और उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय ट्रांसफर करने का प्रस्ताव भी है।

बयान में कहा गया था, ‘‘न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाहें फैल रही हैं। सूचना प्राप्त होने पर न्यायमूर्ति उपाध्याय ने साक्ष्य और सूचना एकत्रित करने के लिए आंतरिक जांच प्रक्रिया शुरू कर दी।’’ पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स

(भाषा के इनपुट के साथ)