दिल्ली हाईकोर्ट से विदेशी कंपनी पेप्सीको को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने पेप्सीको की एक याचिका को खारिज कर दिया है। आलू की एक खास किस्म के पेटेंट को लेकर प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेरायटीज एंड फार्मर राइट्स (PPVFR) अथॉरिटी ने एक निर्णय दिया था, जिस पर पेप्सिको ने हाईकोर्ट से उस पर विचार करने के लिए कहा था। PPVFR अथॉरिटी ने साल 2021 में Lays बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले आलू पर कंपनी के पेटेंट को रद्द कर दिया था।
पेप्सिको ने आलू के पेटेंट पर किया था दावा
किसानों को लेकर काम करने वाली एक एक्टिविस्ट ने कंपनी के उस फैसले पर आवाज उठाई थी, जिसमें कंपनी ने आलू के पेटेंट का दावा किया था। एक्टिविस्ट कविता कुरूंगती ने अपनी याचिका में कहा कि कोई भी कंपनी बीज पर किसी तरह के पेटेंट का दावा नहीं कर सकती। इस मामले को लेकर पीपीवीएफआर में लंबे समय तक सुनवाई हुई, लेकिन यहां से पेप्सीको को झटका लगा और उसके अधिकार को निरस्त कर दिया गया।
इसके बाद पेप्सिको ने PPVFR के फैसले के विरोध में दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया और अर्जी लगाई। लेकिन अब दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा है और पेप्सिको की याचिका खारिज हो गई है।
वहीं इस पूरे मामले पर पेप्सिको का भी बयान सामने आया है। पेप्सीको ने कहा है कि हमने अपनी आलू की किस्म FL – 2027 के पंजीकरण को रद्द करने के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी लेकिन कुछ कमी की वजह से हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। हालांकि कोर्ट ने माना कि पेप्सिको ने PPVFR के तहत अपने आलू की किस्म के रजिस्ट्रेशन को सार्वजनिक हित के खिलाफ नहीं माना जा सकता और इस आधार पर रजिस्ट्रेशन रद्द करना गलत था। हम आगे अन्य विकल्पों का भी प्रयोग करेंगे।
lays में इस्तेमाल होता है खास किस्म का आलू
बता दें कि पेप्सिको lays बनाती है और इसमें खास किस्म का आलू FC 5 इस्तेमाल होता है। पेप्सिको ने 1989 में भारत में अपना पहला प्लांट स्थापित किया था। इस प्रकार के आलू के लिए कंपनी ही किसानों को बीज देती है और किसान इस आलू को केवल पेप्सिको को ही बेच सकते हैं।
