Lays चिप्स बनाने वाली कंपनी ने आलू किसानों पर किया 1-1 करोड़ का केस, अब दिया यह प्रस्ताव
पेप्सिको के प्रवक्ता के मुताबिक, 'पेप्सिको इंडिया ने इस मामले को उन लोगों से आपसी बातचीत से सुलझाने का प्रस्ताव दिया है जो गैरकानूनी ढंग से रजिस्टर्ड किस्म के आलू के बीजों का इस्तेमाल कर रहे थे।

फूड और ड्रिंक्स बनाने वाली अमेरिकी मल्टीनैशनल कंपनी की भारतीय सहायक फर्म पेप्सिको इंडिया होल्डिंस ने गुजरात के कुछ किसानों के खिलाफ केस दायर कर रखा है। कंपनी का आरोप है कि इन किसानों ने आलू की ऐसी किस्म उगाई और बेची, जो उसके नाम से रजिस्टर्ड है। कंपनी ने इन चार किसानों में से हर एक से नुकसान की भरपाई के तौर पर 1 करोड़ रुपये मांगा था। अब कंपनी ने उन चार किसानों को कोर्ट के बाहर मामले के निपटारे यानी आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया है।
कंपनी ने आरोप लगाया है कि किसानों ने आलू की किस्म FC5 को उगाया। कंपनी के मुताबिक, इस आलू को खास तौर पर इसके मशहूर चिप्स ब्रांड लेज़ के लिए उगाया जाता है। आलू की FC5 किस्म में नमी कम होती है, जोकि आलू चिप्स जैसे स्नैक्स बनाने के लिए उपयोगी होते हैं। बता दें कि गुजरात में किसान बड़े पैमाने पर आलू का उत्पादन करते हैं। कंपनी की ओर से केस का सामना कर रहे किसानों में से एक बिपिन पटेल ने कहा, ‘हम काफी वक्त से आलू उगा रहे हैं, लेकिन हमें कभी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। हम एक बार फसल उगाने के बाद बचे बीज का इस्तेमाल अगले साल की फसल उगाने के लिए करते हैं।’ हालांकि, पटेल ने यह नहीं बताया कि उन्हें पेप्सिको कंपनी के आलू की किस्म कैसे मिली। अब अहमदाबाद की एक अदालत 12 जून को इस मामले में सुनवाई करेगी।
पेप्सिको के प्रवक्ता के मुताबिक, ‘पेप्सिको इंडिया ने इस मामले को उन लोगों से आपसी बातचीत से सुलझाने का प्रस्ताव दिया है जो गैरकानूनी ढंग से रजिस्टर्ड किस्म के आलू के बीजों का इस्तेमाल कर रहे थे। पेप्सिको ने यह प्रस्ताव भी दिया है कि वे (किसान) कंपनी के आलू उगाने के प्रोग्राम से जुड़ सकते हैं। इस प्रोग्राम के जरिए वे ज्यादा उपज हासिल कर सकेंगे, क्वॉलिटी बेहतर कर सकेंगे, उन्हें किसानी के बेहतरीन तरीकों की जानकारी मिलेगी और बेहतर कीमत भी मिलेगी। अगर वे इस कार्यक्रम से नहीं जुड़ना चाहते तो वे सिर्फ एक अग्रीमेंट पर दस्तखत करके आलू की दूसरी किस्म उगा सकते हैं।’ कंपनी ने कहा कि जो हजारों किसान उनके पोटैटो फॉर्मिंग प्रोग्राम से जुड़े हुए हैं, उनके हितों की रक्षा के लिए उन्हें जुडिशरी का रास्ता अख्तियार करना पड़ा।
बता दें कि पेप्सिको ने भारत में अपना पहला प्लांट 1989 में लगाया था। कंपनी आलू की किस्म FC5 किसानों के समूहों को वितरित करती है जो इसके बदले में अपनी उपज उन्हें तयशुदा कीमत पर बेचते हैं। उधर, ऑल इंडिया किसान सभा ने भारत सरकार से किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए कहा है। किसान संगठन ने पेप्सिको के लेज़ चिप्स और कंपनी के बाकी प्रोडक्ट का बहिष्कार करने की अपील भी की है।