दिल्ली सरकार के कई अधिकारी जिला विकास समितियों (DDC) और जन सुनवाई की बैठकों से अनुपस्थित रहते हैं। यह देखते हुए सरकार ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों (DM) को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि संबंधित अधिकारी इन बैठकों में उपस्थित हों और जो अधिकारी उपस्थित नहीं होते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, “सभी जिला मजिस्ट्रेटों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नामित अधिकारी डीडीसी बैठकों में भाग लें। नामित अधिकारी अगर मीटिंग में भाग लेने में विफल रहता है तो संबंधित अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा, जिसकी एक कॉपी उनके विभागाध्यक्ष और सीएम कार्यालय को भेजी जाएगी।” आदेश में यह भी कहा गया है कि जन सुनवाई में शामिल नहीं होने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को नोटिस जारी किया जाएगा।
इसके अलावा, सरकार ने विभागों से इन बैठकों में भाग लेने के लिए एक नामित वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त करने को कहा। अधिकारियों ने कहा, “इसी तरह, जन सुनवाई के लिए विधानसभा क्षेत्र स्तर पर अधिकारियों को नामित किया जा सकता है। इससे जिला प्रशासन को पिछले महीने सीएम द्वारा आयोजित बैठक में लिए गए निर्णयों को लागू करने और कार्रवाई की रिपोर्ट प्राप्त करने में मदद मिलेगी।”
पिछले महीने मुख्यमंत्री रेखा ने 11 राजस्व जिलों में मिनी सचिवालय स्थापित करने की सरकार की नई परियोजना पर चर्चा करने के लिए सभी जिलाधिकारियों और डीडीसी अध्यक्षों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की थी।
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बिना किसी वैलिड कारण के अनुपस्थित पाए जाने पर अफसरों के खिलाफ होगा एक्शन
अधिकारियों से जमीनी स्तर पर वास्तविक समय की प्रगति सुनिश्चित करने और जनता के साथ खुला संवाद बनाए रखने के लिए कहते हुए गुप्ता ने यह भी निर्देश दिया था कि संबंधित विभागों से नामित अधिकारियों को भविष्य की सभी डीडीसी बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित होना होगा। बिना किसी वैलिड कारण के अनुपस्थित पाए जाने वाले किसी भी अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारियों को उपयुक्त भूमि की पहचान करने और राजस्व जिलों में मिनी सचिवालय स्थापित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए गए, जहां जनता को एक ही छत के नीचे विवाह पंजीकरण, जाति प्रमाण पत्र और लाइसेंस प्राप्त करने और जन शिकायतें दर्ज कराने जैसी सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी। इस बार की जनगणना में पूछे जा सकते हैं सबसे अधिक प्रश्न