दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने छठ पर्व को लेकर बड़ा फैसला किया है। दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर इकट्ठे होकर छठ पूजा करने पर रोक लगा दी है। लोगों को एक जगह पर इकट्ठा होने से रोकने के लिए सरका ने यह कदम उठाया है। इस बार 18 से 21 नवंबर तक छठ पर्व मनाया जाएगा। 18 नवंबर को छठ पर्व की शुरुआत होगी। इस दिन नहाय खाय, 19 नवंबर को खरना और 20 नवंबर को शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही पर्व संपन्न हो जाएगा।
दिल्ली में बिहार के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और इस पर्व को श्रद्धा विश्वास के साथ मनाते हैं। छठ न सिर्फ बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश समेत कई और प्रदेशों में भी मनाया जाता है। सरकार के इस फैसले से लाखों लोग मायूस जरूर होंगे लेकिन कोविड के बढ़ते प्रकोप के चलते ढील देना भी ठीक नहीं है। दिल्ली के यमुना घाट, राजघाट और अन्य कई जगहों पर तीन दिन तक हर साल मेला लगा रहता था। सरकार खुद छठ पूजा के लिए साफ-सफाई और अन्य इंतजाम करवाती थी।
दिल्ली में कोरोना वायरस हर दिन रेकॉर्ड तोड़ रहा है। बुधवार को दिल्ली में 8 हजार नए केस सामने आए। नवंबर की शुरुआत से ही दिल्ली में कोरोना फिर डराने लगा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे कोविड की तीसरी लहर कह दिया है। बुधवार को 8,593 नए मामले रिपोर्ट हुए और 86 मरीजों की मौत हो गई। यहां एक दिन में 64 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए थे। दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 13.4 हो गया है। अब तक राजधानी में कोरोना से 7228 लोगों की मौत हो चुकी है।
पहले के मुकाबले देश में कोरोना के अब कम केस सामने आ रहे हैं। गुरुवार को 48 हजार नए मामले रिपोर्ट हुए तो वहीं 550 मरीजों की मौत हो गई। अब तक देश में कोरोना ने 1,28,121 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी 4,89,294 ऐक्टिव केस हैं। ऐक्टिव केस पिछले 24 घंटे में 5 हजार कम हो गए हैं। एक दिन में 52 हजार लोग ठीक हुए।