कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि अगर कोई गरीब मकान मालिकों को किराया नहीं दे पाया, तब उसका किराया दिल्ली सरकार देगी। रविवार को यह ऐलान उन्होंने कोरोना संकट को लेकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया।
केजरीवाल ने दिल्ली के मकानमालिकों से कहा कि आप यदि मुझे अपना बेटा मानते हैं तो आप अपने किरायेदारों से एक-दो महीने तक किराया देने के लिए मजबूर नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी उसके बाद भी कोई किराया देने में सक्षम नहीं होगा तो सरकार उनके किराये का भुगतान करेगी। मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि इसके बावजूद यदि कोई मकानमालिक किरायेदार पर किराया देने के लिए दबाव बनाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि यदि लॉकडाउन (बंद) का पालन नहीं किया जाता है तो देश कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में नाकाम हो जाएगा। उन्होंने बंद के कारण अपने गृहराज्यों की ओर पलायन कर रहे प्रवासी श्रमिकों को भरोसा दिलाया कि सरकार ने उनके भोजन एवं ठहरने का प्रबंध किया है।
मुख्यमंत्री ने यहां एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 21 दिवसीय राष्ट्रव्यापी बंद को सफल बनाने का मंत्र है कि ‘‘आप जहां हैं, वहीं रहें’’, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू किए गए बंद के कारण बड़ी संख्या में लोग उन शहरों से अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं, जहां वे काम करते हैं। मैं उनसे निवेदन करता हूं कि आप कृपया वहीं रहिए, जहां आप अभी हैं।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि अमेरिका और इटली जैसे विकसित देशों में क्या हुआ है। शुक्र है कि भारत अभी उस चरण में नहीं है, लेकिन भीड़ में चलने से संक्रमण का खतरा बढ़ेगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने लोगों के ठहरने के लिए स्कूलों में प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने स्टेडियम खाली करा लिए हैं और आवश्यकता पड़ने पर लोगों के वहां भी ठहरने का प्रबंध किया जाएगा। हम रोजाना चार लाख लोगों को नि:शुल्क भोजन दे रहे हैं। आइए, इससे (संक्रमण से) मिलकर लड़ें।’’
