दिल्ली सरकार ने विधायकों की क्षेत्रीय विकास निधि को 10 करोड़ रुपये से घटाकर पांच करोड़ कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व दिल्ली सरकार ने विधायक की स्थानीय क्षेत्र विकास (LAD) निधि को 15 करोड़ रुपये से घटाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग द्वारा जारी एक हालिया आदेश के अनुसार 2 मई को कैबिनेट के फैसले के अनुरूप विधायक एलएडी निधि को प्रति विधानसभा क्षेत्र प्रति वर्ष पांच करोड़ रुपये रखा गया है। दिल्ली की पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने पिछले साल अक्टूबर विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले विधायक एलएडी निधि को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये कर दिया था।
अब MLALAD फंड में मिलेंगे इतने करोड़
दिल्ली सरकार ने विधायकों को आवंटित स्थानीय क्षेत्र विकास निधि जिसे MLALAD फंड भी कहा जाता है उसे 15 करोड़ रुपये से घटाकर 5 करोड़ रुपये करने का निर्णय लिया है। शहरी विकास विभाग द्वारा हाल ही में जारी एक आदेश में कहा गया है, “कैबिनेट के निर्णय के अनुसरण में एमएलएएलएडी (एमएलए स्थानीय क्षेत्र विकास) योजना के तहत निधियों का आवंटन वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रति विधानसभा क्षेत्र प्रति वर्ष 5 करोड़ रुपये रखा गया है। इसके अलावा, मंत्रिपरिषद ने निर्देश दिया है कि यह एक अनटाइड फंड होगा और इसे पूंजीगत प्रकृति के स्वीकृत कार्यों के साथ-साथ बिना किसी सीमा के परिसंपत्तियों की मरम्मत और रखरखाव के लिए खर्च किया जा सकता है।”
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आप ने 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ किया था फंड
पिछली आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछले अक्टूबर में एमएलएएलएडी फंड में 50% की बढ़ोतरी की थी, जो 10 करोड़ रुपये से बढ़कर 15 करोड़ रुपये हो गया था। एमएलएएलएडी फंड हर साल स्थानीय विकास के लिए विधायकों को जारी किया जाता है, जैसे सड़कों और स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत, पार्कों का विकास और कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाना।
एमएलएएलएडी कार्यक्रम, सांसदों के लिए इसी प्रकार के कार्यक्रम पर आधारित है जो प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए सीधे सरकार से धन उपलब्ध कराता है। जबकि विधायकों और सांसदों को सीधे तौर पर फंड नहीं मिलता है, वे इस योजना के लिए परियोजनाओं की सिफारिश कर सकते हैं।MLALAD और MPLAD फंड के द्वारा वित्तपोषित परियोजनाएं आमतौर पर सड़कों की मरम्मत से लेकर सामुदायिक केंद्रों के निर्माण तक टिकाऊ बुनियादी ढांचे के काम तक ही सीमित होती हैं। हालांकि, कोविड-19 महामारी के दौरान , इस फंड का इस्तेमाल मास्क और टेस्टिंग किट जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों पर किया गया। इस फंड का इस्तेमाल कुछ राज्यों में प्राकृतिक आपदा राहत के लिए भी किया गया है। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स