दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने गुरुवार को हाईकोर्ट को बताया कि गौतम गंभीर फाउंडेशन को कोरोनावायरस मरीजों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा फैबीफ्लू की अनधिकृत तरीके से जमाखोरी करने, खरीदने और उसका वितरण करने का दोषी पाया गया है। औषधि नियंत्रक ने कोर्ट से कहा कि इस मामले में आरोपी फाउंडेशन, दवा डीलरों के खिलाफ बिना किसी देरी के कार्रवाई की जाए।

अदालत को बताया गया कि विधायक प्रवीन कुमार को भी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून के तहत ऐसी ही अपराधों में दोषी पाया गया है। अदालत ने औषधि नियंत्रक से छह सप्ताह के भीतर इन मामलों की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और इसकी अगली सुनवाई 29 जुलाई निर्धारित कर दी।

बता दें कि तीन दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने गंभीर की तरफ से दवाओं को इकट्ठा करने के मामले में उचित तरीके से जांच नहीं करने के लिए औषधि नियामक को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने जांच के सिलसिले में दाखिल औषधि नियामक की स्थिति रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि इस संस्था से अदालत का भरोसा डगमगा गया है। अदालत ने कहा था कि यह हर किसी को पता था कि इस दवा की कमी है और गंभीर द्वारा दवा के हजारों पत्ते खरीद लेने के कारण उस दिन जरूरतमंद लोगों को वह दवा नहीं मिल पाई।

गंभीर बोले थे- हजारों PIL के बावजूद मदद जारी रखेंगे: दिल्ली उच्च न्यायालय की आलोचना का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद गौतम गंभीर ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि भले ही उनके खिलाफ हजारों जनहित याचिकाएं दायर की जाएं, लेकिन वह लोगों की जान बचाना जारी रखेंगे। इस पर भी कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सख्त नाराजगी जताई थी और इसे गलत चलन करार देते हुए कहा था कि यह हालात का फायदा उठाना और फिर खुद को मददगार पेश करने की इस प्रवृत्ति की आलोचना होनी चाहिए।