G20 Summit: नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता की चारों तरफ तारीफ हो रही है। 9 सितंबर को जब जी-20 समिट की शुरुआत हुई तो सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक पहला सत्र ‘वन अर्थ’ पर आयोजित किया गया। दूसरा सत्र ‘वन फैमिली’ पर दोपहर 3:00 बजे से 4.45 बजे तक चला। वहीं रविवार यानी आज जी20 सम्मेलन के आखिरी दिन ‘वन फ़्यूचर’ पर तीसरा सत्र सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक आयोजित किया गया। इस सत्र के बाद जी-20 शिखर सम्मेलन समाप्त हो गया। यह तीनों सत्र भारत के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहे। जिनमें मेगा कॉरिडोर, दिल्ली डिक्लेरेशन, बायोफ्यूल अलायंस और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर सभी देशों ने अपनी सहमति जताई। आइए जानते ही जी-20 सम्मेलन की बड़ी बातें।
- नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति बनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसकी जानकारी दी। पीएम मोदी ने बताया, ‘हमारे टीम के हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर आम सहमति बनी है।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा प्रस्ताव है कि इस लीडर्स डिक्लेरेशन को भी एडॉप्ट किया जाए। मैं इस डिक्लेरेशन को एडॉप्ट करने की घोषणा करता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘इस अवसर पर मैं हमारे मंत्रीगण, शेरपा और सभी अधिकारियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। जिन्होंने अथाह परिश्रम करके इसे सार्थक किया है।’
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त घोषणा पत्र मजबूत, संतुलित और समावेशी विकास पर केंद्रित है। इस दौरान उन्होंने बताया, ‘जी-20 नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की और माना कि यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।’
- नई दिल्ली जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की घोषणा में यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बारे में बाली में हुई चर्चा को दोहराया गया है। नई दिल्ली घोषणा पत्र में कहा गया, ‘यूक्रेन में युद्ध के संबंध में बाली में हुई चर्चा को दोहराते हुए हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रस्तावों पर अपने राष्ट्रीय रुख को दोहराया और इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करना चाहिए।’ संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मुताबिक, सभी देशों को किसी भी अन्य देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ क्षेत्रीय अधिग्रहण की धमकी या बल के उपयोग से बचना चाहिए। परमाणु हथियारों का उपयोग या उपयोग की धमकी अस्वीकार्य है।
- जी-20 के नई दिल्ली घोषणा-पत्र में यूक्रेन में चल रहे युद्ध का जिक्र तो किया गया, लेकिन रूस की आलोचना नहीं की गई। इस घोषणा-पत्र में सात पैराग्राफ यूक्रेन युद्ध पर हैं लेकिन इनमें एक जगह भी रूस का जिक्र नहीं है। यूक्रेन ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ‘रूस के युद्ध पर आये बयान में गर्व करने लायक कुछ भी नहीं है।
- जी-20 शिखर सम्मेलन में अफ्रीकन यूनियन यानी अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के तौर पर जी-20 में शामिल कर लिया गया है। इसकी जानकारी देते हुए मोदी ने कहा, ‘सबका साथ की भावना से ही भारत ने अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने की बात की थी। आप सबकी सहमति से मैं अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं।’
- G20 ग्रुप में 19 देश शामिल हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका। ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है। अफ्रीकी यूनियन के इस संगठन में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होने के बाद अब 19 देश और दो संघ इसके सदस्य हो गए हैं।
- जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत विश्व के नेता भारत मंडपम पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने विश्व के नेताओं का भारत मंडपम में स्वागत किया। मोदी ने जब बाइडन का स्वागत किया पीछे दक्षिण भारत के प्रसिद्ध कोणार्क मंदिर की तस्वीर नजर आ रही थी। मोदी ने कोणार्क चक्र के बारे में जो बाइडन को जानकारी दी। कोणार्क चक्र पहली बार 13वीं सदी में राजा नरसिंहदेव प्रथम के शासन काल में बनाया गया था। ये चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, यहां की सभ्यता और स्थापत्य कला को दर्शाता है। माना जाता है कि कोणार्क चक्र के घूमने की तुलना कालचक्र से की जाती है और इसे आगे बढ़ने और बदलाव के रूप में देखा जाता है।
- G20 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर का ऐलान किया है। इस प्रोजेक्ट में यूरोपीय यूनियन के अलावा सात और देश – भारत, फ्रांस, अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई, इटली, जर्मनी शामिल हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च करने की घोषणा की। पीएम मोदी ने नए अलायंस की शुरुआत करते हुए दुनिया के देशों से उससे जुड़ने का आह्वान किया। ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस दुनिया में वैकल्पिक व स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने का प्रयास है। भारत के अलावा अमेरिका और ब्राजील इस नए अलायंस के फाउंडिंग मेंबर हैं। ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस के लॉन्च होने के बाद तीनों फाउंडिंग मेंबर्स समेत अर्जेंटीना और इटली जैसे कुल 11 देश इससे जुड़ चुके हैं। इस अलायंस का उद्देश्य बायोफ्यूल्स के मामले में वैश्विक भागीदारी को मजबूत बनाना और उनके इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। बायोफ्यूल का मतलब ऐसी रीन्यूएबल एनर्जी से है, जो बायोमास से तैयार होती है। बायोमास में प्लांट एंड एग्रीकल्चर, एनिमल, डोमेस्टिक, इंडस्ट्रियल बायोवेस्ट शामिल होते हैं।
- भारत ने ब्राजील को G20 की अध्यक्षता सौंपी है। इसके साथ ही जी20 समिट 2023 का समापन हो गया। पीएम मोदी ने नवंबर में एक वर्चुअल सेशन किए जाने का भी प्रस्ताव रखा।