दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते बाढ़ के हालात हो गए हैं। दिल्ली में यमुना नदी मंगलवार को खतरे के निशान को पार कर गई। उफनती यमुना नदी का पानी राजधानी के कई हिस्सों में घुसने से भीषण जलभराव देखा गया। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कश्मीरी गेट इलाके के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए यमुना नदी के आसपास के निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं, दिल्ली के सबसे बड़े शवदाह गृह निगमबोध घाट में यमुना का पानी भरने से वहां अंतिम-संस्कार रोक दिए गए।
यमुना किनारे स्थित यह श्मशान घाट में प्रतिदिन औसतन 55-60 अंतिम संस्कार होते हैं। गीता कॉलोनी श्मशान घाट में भी पानी भर गया, जिससे कर्मचारियों को दाह संस्कार के लिए सूखी जगह तलाशनी पड़ी। उफनती यमुना के पानी ने कई घरों को जलमग्न कर दिया, दुकानों का सामान नष्ट कर दिया और कई इलाकों में यातायात बाधित कर दिया और हजारों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बुधवार को नदी का जलस्तर 1963 के बाद से पांचवीं बार 207 मीटर के निशान को पार कर गया।
निगमबोध घाट में यमुना नदी का पानी घुसने के बाद अंतिम संस्कार रोक दिए गए
दिल्ली के सबसे बड़े श्मशान घाट, निगमबोध घाट में बुधवार दोपहर यमुना नदी का पानी घुसने के बाद अंतिम संस्कार रोक दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि परिसर की लगभग 7 से 8 फीट ऊंची एक दीवार ऊपर से क्षतिग्रस्त हो गई है और लगभग दो फीट ढह गई है, जिससे यमुना का पानी अंदर घुस आया है।
एमसीडी की स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शाम 6 बजे से अंतिम संस्कार बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा, “आने वाले दो दिनों तक, जब तक पानी कम नहीं हो जाता लोग अजमल खां श्मशान घाट का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमने गीता कॉलोनी श्मशान घाट भी बंद कर दिया है।” दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक अधिकारी ने बताया कि अपराह्न में शवदाह गृह में दाह संस्कार रोक दिया गया तथा केवल सुबह शुरू हुई अंत्येष्टि ही पूरी कराई गई।
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लोगों से दूसरे श्मशान घाट जाने का अनुरोध
घाट पर मौजूद एक प्रबंधन अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पहले परिसर में केवल बारिश का पानी ही प्रवेश किया था लेकिन करीब सात से आठ फुट ऊंची एक दीवार ऊपर से क्षतिग्रस्त हो गई और उसका करीब दो फुट हिस्सा ढ़ह गया, जिससे यमुना का पानी अंदर आने लगा।’’ उन्होंने बताया कि घाट दोपहर ढाई बजे तक चालू था और उसके बाद कोई और दाह संस्कार नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई भी अब श्मशान घाट की सेवाओं का उपयोग करना चाहता है, उसे किसी अन्य श्मशान घाट जाने का अनुरोध किया जाएगा।’’
दिन में पहले घाट परिसर में केवल बारिश का पानी मौजूद था लेकिन दोपहर ढाई बजे के बाद, यमुना का बाढ़ का पानी श्मशान घाट में प्रवेश करने लगा। निगमबोध घाट पर 1950 के दशक में एक विद्युत शवदाह गृह बनाया गया था। साल 2006 में नगर निगम द्वारा एक सीएनजी से चलने वाला शवदाह गृह भी बनाया गया था। लाल किले के पीछे रिंग रोड पर स्थित निगमबोध घाट, शहर का सबसे पुराना और व्यस्ततम श्मशान घाट है। यहां औसतन प्रतिदिन 55 से 60 दाह संस्कार होते हैं। 2023 की बाढ़ के दौरान, यमुना का पानी परिसर में घुसने के बाद इसे लगभग एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया था। पढ़ें- जरा-सी बारिश में क्यों थम जाता है गुरुग्राम?