दिल्ली का कथित शराब घोटाला (Delhi Liquor Scam) पूरी आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली सरकार के गले की हड्डी बन गया है। 21 मार्च को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम आवास पर रेड मारने के कुछ ही घंटों बाद गिरफ्तार कर लिया था, तब से लेकर 1 अप्रैल तक वे ईडी की रिमांड पर हैं। आज ही ईडी ने दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) को भी पूछताछ के लिए बुला लिया। ईडी की टीम ने कैलाश गहलोत से 5 घंटे तक पूछताछ की थी, जिसमें गोवा की चुनावी फंडिंग से लेकर विजय नायर का बंगला मुख्य सवालों में शामिल थे।
कैलाश गहलोत आज सुबह ही 11 बजे दिल्ली स्थित ईडी ऑफिस में गए थे। ईडी ऑफिस से निकलने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा कि मुझसे सुबह 11:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक पूछताछ हुई। ये करीब 5 घंटे तक चली। कैलाश गहलोत ने कहा कि मुझसे जो भी सवाल पूछे गए थे, मैंने उन सभी का जवाब दे दिया है।
विजय नायर से जुड़े सवाल पर कैलाश गहलोत ने कहा कि ये सच है कि सिविल लाइन बंगला मेरे नाम पर आवंटित किया गया था, लेकिन मुझे यह जानकारी नहीं थी कि इससे पहले वहां विजय नायर रुकते थे। उन्होंने कहा कि ईडी को सारी जानकारी दे दी गई है। उनका कहना है कि सीबीआई ने भी जब उनसे पूछताछ की थी, तब भी उन्होंने यही जवाब दिया था।
क्या है इस केस में मुख्य आरोप?
दिल्ली की आबकारी नीति और कथित शराब घोटाले के मामलों की बात करें तो ईडी के आरोपों की बात करें तो उसका कहना है कि शराब नीति “साउथ ग्रुप” शराब लॉबी को लीक की गई थी जिसमें भारत राष्ट्र समिति नेता के. कविता शामिल थीं। ईडी का कहना है कि इस ग्रुप पर आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई है।
क्या आतिशी से भी होगी पूछताछ?
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कैलाश गहलोत से पूछताछ को लेकर आज दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खूब विरोध प्रदर्शन किया है। वहीं कैलाश गहलोत से जब यह पूछा गया कि क्या मंत्री आतिशी से भी पूछताछ की जा सकती है, तो उन्होंने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं जानते हैं। कैलाश गहलोत ने गोवा चुनाव के दौरान आप की फंडिंग को लेकर कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता है।
कैलाश गहलोत ने ईडी के सामने अपने घर को लेकर कहा कि वे अपने परिवार के साथ दिल्ली के ही वसंत कुंज में स्थित अपने निजी घर में ही रहते हैं। गहलोत को आज दूसरा समन मिला था। उनका कहना था कि वह पहले समन के दौरान बजट सत्र के चलते पेश नहीं हो पाए थे।