आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार भाजपा को कमजोर कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल बीजेपी के बड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करवा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को पूर्व भाजपा विधायक जितेंद्र सिंह शंटी को केजरीवाल ने AAP में शामिल कराया। कहा जा रहा है कि शाहदरा से शंटी को आम आदमी पार्टी टिकट दे सकती है। गुरुवार को ही शाहदरा से आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है।
2013 में विधायक बने थे शंटी
62 वर्षीय शंटी ने 2013 के दिल्ली चुनाव में भाजपा के टिकट पर शाहदरा से जीत हासिल की थी। अपने राजनीतिक कार्यकाल के अलावा, शंटी एक सामाजिक कार्यकर्ता भी रहे हैं। कोविड महामारी के दौरान शवों का दाह संस्कार सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका के लिए उन्हें दिल्ली का ‘एम्बुलेंस मैन’ करार दिया गया है। वह इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवाएं प्रदान करके लोगों की मदद करते हैं। उन्होंने रक्तदान अभियान में भी लगभग 100 बार खुद ब्लड डोनेट कर अपनी पहचान बनाई है।
शंटी को कोविड महामारी के दौरान उनके सामाजिक सेवा कार्यों के लिए 2021 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वह एक एनजीओ शहीद भगत सिंह सेवा दल भी चलाते हैं, जो लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने और हिंदू और सिख धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार करने के लिए जाना जाता है। शंटी ने लगभग 30 साल पहले एक घटना देखने के बाद अपना एनजीओ शुरू किया, जब उन्होंने दिल्ली के निगमबोध श्मशान घाट पर एक आदमी को जली हुई लकड़ी इकट्ठा करते देखा। शंटी ने द इंडियन एक्सप्रेस को पहले बताया था, “मुझे बाद में पता चला कि उस आदमी के पास अपने बेटे के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी खरीदने के पैसे नहीं थे।”
पार्षद बन शुरू की थी राजनीति
शंटी की राजनीतिक पारी 2008 में शुरू हुई जब उन्होंने झिलमिल वार्ड से दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गये। दो बार एमसीडी पार्षद के रूप में कार्य करने के बाद, शंटी ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2013 में शाहदरा से भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा, जिसमें उन्होंने 15,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की। हालांकि 2015 के चुनावों में वह AAP के राम निवास गोयल से 11,700 से अधिक वोटों से हार गए थे।
केजरीवाल ने शंटी का AAP में स्वागत करते हुए कहा, “शंटी न केवल दिल्ली या देश में बल्कि समाज सेवा में अपने असाधारण योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध हैं। पिछले 39 वर्षों से उन्होंने खुद को निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। जब महामारी के दौरान कई परिवारों ने डर के कारण अपने प्रियजनों के शवों पर दावा करने से इनकार कर दिया, तो वह वहां मौजूद थे।”
वहीं AAP में शामिल होने के बाद शंटी ने कहा कि सामाजिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तीन बार जन प्रतिनिधि के रूप में चुने जाने के बावजूद लंबे समय तक मैंने खुद को राजनीति से दूर कर लिया था। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान केजरीवाल ने उन्हें फोन करके कहा था कि वह भी इस कार्य में योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि तभी मुझे लगा कि हमारा उद्देश्य एक ही है।
शंटी ने आगे कहा, “शुरुआत में मैं राजनीति में लौटने के लिए इच्छुक नहीं था, लेकिन केजरीवाल जी ने मुझे यह कहकर मना लिया कि हम जीवित लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं, और आप मृतकों की जरूरतों को पूरा करते हैं। साथ मिलकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हर कमजोर व्यक्ति को जीवन में सम्मान और मृत्यु में सम्मान मिलता है। उनके शब्द मेरे साथ गूंज गए और मुझे एहसास हुआ कि यह साझेदारी मेरे काम को बढ़ा सकती है और गरीबों को उनके जीवन के दौरान और उनके निधन के बाद सम्मान दिला सकती है।”
AAP उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की अपनी योजना के बारे में संकेत देते हुए शंटी ने कहा, “पहली बार दिल्ली विधानसभा असहाय और लावारिस मृतकों के मानवाधिकारों पर ध्यान केंद्रित करेगी। मैंने स्वेच्छा से राजनीति में फिर से प्रवेश करने का फैसला किया है।”
बेजोड़ रणनीति पर काम कर रहे केजरीवाल
बीजेपी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल बेजोड़ रणनीति पर काम कर रहे हैं। दरअसल वह हरेक विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के जमीनी नेताओं को साध रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने 11 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। उसमें से तीन बीजेपी से आए हुए नेता हैं। आम आदमी पार्टी ने किराड़ी से अनिल झा, छतरपुर से ब्रह्म सिंह तंवर और लक्ष्मी नगर से बीवी त्यागी को टिकट दिया है। तीनों ही नेता भाजपा के लिए टिकट की दौड़ में सबसे आगे थे और लंबे समय से बीजेपी में थे। लेकिन अब तीनों आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं। वहीं शंटी भी आम आदमी पार्टी के संभावित उम्मीदवार हैं और यह भी बीजेपी के जमीनी नेता माने जाते थे। पढ़ें मोदी सरकार ने शंटी को क्यों दिया था पद्मश्री