दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव की कमान पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने संभाली हुई है।
दिल्ली में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के कई मंत्री, पार्टी के 120 सांसद, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और देशभर से संगठन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी राजधानी में जुटे हैं। पार्टी अब कोई घोषणा-पत्र जारी नहीं करेगी। इसकी जगह एक-दो दिन में एक दृष्टि-पत्र जारी किया जाएगा।
दिल्ली में भाजपा समझ गई है कि आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से लगातार हो रहे चुनावी हमलों से दिल्ली की गद्दी हासिल कर पाना उसके लिए आसान नहीं है। इसलिए अब भाजपा ने भी नई घोषणा करने के बजाए केजरीवाल पर सीधे हमले शुरू कर दिए हैं।
भाजपा ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अब दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कोई घोषणापत्र जारी नहीं करेगी। इसके बजाय एक-दो दिन में वह दिल्ली के लिए दृष्टिपत्र पेश करेगी। इसमें दिल्ली की जनता के लिए विकास और कल्याण के कार्यों का खाका रखा जाएगा। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला किया गया।
बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार ने कहा कि इस बार वे दिल्ली विधानसभा के लिए घोषणापत्र जारी नहीं करेंगे। इसके स्थान पर वे दृष्टिपत्र रखेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अगले कुछ दिनों में केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा के कई सांसदों को उतारा जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि भाजपा क्या सभी केंद्रीय मंत्रियों और अपने सांसदों को चुनाव प्रचार में उतारेगी, कुमार ने कहा कि पार्टी इस चुनाव को दो-तिहाई बहुमत से जीतना चाहती है और यह भाजपा की ऐतिहासिक विजय होगी। उन्होंने कहा कि हम पूरी ताकत से चुनाव में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि हर चुनाव क्षेत्र में भाजपा लगभग एक हजार पोस्टर लगाएगी।
नरेंद्र भंडारी