Delhi Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, बीजेपी ने 27 साल का सियासी वनवास खत्म करते हुए सत्ता में वापसी की है। अभी तक के जो आंकड़े सामने आए हैं, बीजेपी 45 से ज्यादा सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल कर चुकी है। दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बहुमत से उतना ही दूर दिखाई दे रही है। यह नतीजा हर मायने में अप्रत्याशित है, ऐतिहासिक है और कई समीकरण बदलने वाले साबित होने वाला है।

इस बार के चुनावी प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शब्द का कई बार प्रयोग किया था- आपदा। उन्होंने आम आदमी पार्टी को एक आपदा बताते हुए जनता से अपील की थी कि उन्हें इससे मुक्ति पाने की जरूरत है। अब अभी तक के नतीजे बता रहे हैं कि दिल्ली वालों ने पीएम मोदी के भरोसे को कायम रखा है। अब यहां जानने की कोशिश करते हैं कि आम आदमी पार्टी पर जो यह आपदा आई है, इसके पांच सबसे बड़े कारण क्या रहे-

आपदा का कारण नंबर 1

आम आदमी पार्टी पर आई इस आपदा का सबसे बड़ा कारण तो यह रहा कि सड़क, पानी और यमुना के मुद्दों पर पार्टी पूरी तरह फेल हो गई। जनसत्ता ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान हमेशा यह दिखाया कि सड़क से लेकर पानी तक के मुद्दे पर जबरदस्त नाराजगी थी, गलियों में पाइपों में जो गंदा पानी आ रहा था, उससे जनता पूरी तरह त्रस्त थी। इसके ऊपर सड़क के गुड्डे उन्हें आक्रोशित कर रहे थे। जनता के बीच में यह धारणा बन रही थी कि सिर्फ मुफ्त की योजनाओं का जिक्र हो रहा है, सिर्फ इस बारे में बताया जा रहा है कि अकाउंट में कितने पैसे आएंगे, लेकिन उनके असल मुद्दे कोई नहीं उठा रहा था। इसी वजह से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक नाराजगी बनती जा रही थी।

आपदा का कारण नंबर 2

अरविंद केजरीवाल पर आई इस आपदा का दूसरा सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार रहा। जिस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आंदोलन करके आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई थी, अब इसी मुद्दे ने उनकी सरकार को हटाने का भी काम किया है अरविंद केजरीवाल खुद कहां करते थे कि अदालत के फैसले एक जगह, एजेंसियों की जांच एक जगह, लेकिन जनता की अदालत में फैसला होना चाहिए। लेकिन अब क्योंकि जनता ने भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ फैसला सुना दिया है, ऐसे में यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार का मुद्दा आम आदमी पार्टी को ले डूबा है।

इस चुनाव में शीशमहल से लेकर शराब घोटाले का जिक्र बीजेपी ने हर मौके पर किया, जनसत्ता की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान भी शराब घोटाले का जिक्र तो जरूर होता हुआ दिखा। लोगों ने शराब माफिया जैसे शब्दों का भी अरविंद केजरीवाल के लिए प्रयोग किया, यह बताने के लिए काफी है कि जांच जो भी चले, सबूत जैसे भी इकट्ठे हों, लेकिन जनता के बीच में यह धारणा जरूर बनी कि अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया है, उनकी सरकार शराब घोटाले में लिप्त थी।

आपदा का कारण नंबर 3

आम आदमी पार्टी पर आई आपदा का तीसरा सबसे बड़ा कारण रहा अरविंद केजरीवाल का जेल में रहते सीएम कुर्सी से इस्तीफा न देना। यहां पर समझने वाली बात यह है कि हर टीवी इंटरव्यू में अरविंद केजरीवाल ने इस बात का जिक्र किया है कि क्योंकि 2020 के बाद से कोरोना आया और वे, मनीष सिसोदिया और उनके दूसरे दिग्गज जेल में जा चुके थे, ऐसे में सरकार का काम काफी प्रभावित हुआ। लेकिन जानकार भी मानते हैं कि अगर उस समय अरविंद केजरीवाल किसी दूसरे बड़े नेता को आगे कर देते या उन्हें सरकारी जिम्मेदारियां सौंप देते, तो दिल्ली की जनता के काम नहीं रुकते।

उस स्थिति में जो आम आदमी पार्टी ने 2020 में वादे किए थे, वो शायद पूरे हो सकते थे या उसके आसपास तो जरूर पहुंचे ही सकते थे। यहां पर सड़क वाला मुद्दा, पानी की गुणवत्ता का मुद्दा सबसे अहम है, लेकिन क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने खुद इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया था और आम आदमी पार्टी भी उनके पीछे चलती रही, इसका खामियाजा यह रहा कि दिल्ली की जनता ने आक्रोशित होकर अब बीजेपी को वोट किया है।

आपदा का कारण नंबर 4

आम आदमी पार्टी पर आई आपदा का चौथा बड़ा कारण आपसी कलह है रहा। अरविंद केजरीवाल के अपने साथी या तो उनको छोड़कर चले गए या उन पर गंभीर आरोप लगा दिए गए। स्वाति मालीवाल वाले केस में अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से बिभव कुमार का बचाव किया था, जनता उससे आक्रोशित नजर आई। इसके ऊपर कैलाश गहलोत जैसे नेताओं का आम आदमी पार्टी छोड़ भाजपा में चले जाना भी केजरीवाल की विश्वसनीयता पर एक बड़ी चोट रहा।

आपदा का कारण नंबर 5

आम आदमी पार्टी पर आई आपदा का पांचवा कारण रहा अति विश्वास। अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कई मौकों पर बोल दिया था कि कांग्रेस का तो जिक्र तक नहीं करना चाहिए, उनको इतनी गंभीरता से क्यों लिया जा रहा है। लेकिन अब जो चुनाव परिणाम सामने आए हैं, साफ दिखाई देता है कि कई सीटों पर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को करारी चोट दी है। बात चाहे नई दिल्ली सीट की हो, जंगपुरा की हो या फिर मुस्तफाबाद जैसी मुस्लिम बाहुल सीट की, कांग्रेस ने काफी वोट काटा है और उसका सीधा नुकसान आम आदमी पार्टी को हुआ है।