Delhi ED team attack: दिल्ली के बिजवासन इलाके में गुरुवार को एक फार्महाउस पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर हमला हुआ। यह हमला उस समय हुआ जब ED की टीम यूएई स्थित Pyypl ऐप से संबंधित साइबर अपराधों की जांच करने के लिए वहां पहुंची थी। इस घटना में ED के एक अतिरिक्त निदेशक घायल हो गए, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह हमला गुरुवार तड़के हुआ जब ED के अधिकारी एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के फार्महाउस पर पहुंचे।

मुख्य आरोपी और परिवार के सदस्यों ने किया हमला

इस हमले में मुख्य आरोपी अशोक शर्मा और उसके परिवार के सदस्यों के साथ-साथ उनके नौकरों ने भी शामिल होकर ED की टीम पर हमला किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी अशोक शर्मा फरार हो गया है और उसकी तलाश की जा रही है। अधिकारियों ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और जांच जारी है।

15,000 म्यूल खाते और धोखाधड़ी का पर्दाफाश

ED के अधिकारियों ने बताया कि यह हमला एक बड़े साइबर अपराध रैकेट के हिस्से के रूप में हुआ। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) और वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (FIU-IND) ने एक विस्तृत जांच में फिशिंग घोटाले, QR कोड धोखाधड़ी, अंशकालिक नौकरी घोटाले जैसे अपराधों का पर्दाफाश किया। इस जांच में लगभग 15,000 म्यूल खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित किए गए धन के निशान मिले हैं।

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म्यूल खाता (Mule Account) एक ऐसा खाता होता है जिसका इस्तेमाल धोखाधड़ी से संबंधित धन को अवैध रूप से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के खाते में स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। इन म्यूल खातों का उपयोग करके धोखेबाजों ने धन को यूएई स्थित Pyypl पेमेंट एग्रीगेटर पर ट्रांसफर किया, जहां इसे वर्चुअल खातों में टॉप-अप किया गया।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और चार्टर्ड अकाउंटेंट का हाथ

धन की यह अवैध प्रवृत्ति Pyypl से मिले फंड के बाद क्रिप्टो-करेंसी में निवेश के रूप में परिवर्तित की गई। ED ने बताया कि यह पूरी जांच एक संदिग्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट के द्वारा संचालित की जा रही थी, जो इस साइबर अपराध रैकेट के पीछे था। ED की हाई इंटेंसिटी यूनिट ने इस मामले में कई शीर्ष चार्टर्ड अकाउंटेंटों की जांच शुरू कर दी है, जो इस अपराध में संलिप्त हो सकते हैं।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ED और पुलिस अधिकारियों ने मामले की तेजी से जांच करने का निर्णय लिया है। वे यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं कि आरोपियों को पकड़ कर उन्हें न्याय के दायरे में लाया जा सके।

यह घटना एक बड़ी साइबर धोखाधड़ी योजना का हिस्सा प्रतीत होती है, जिसमें बैंकिंग धोखाधड़ी, मनी म्यूलिंग और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करके बड़ी मात्रा में धन की हेराफेरी की जा रही है। ऐसे मामलों में और भी नए खुलासे हो सकते हैं, जिससे पूरे रैकेट की गहरी तह तक पहुंचने की संभावना है।

पश्चिम बंगाल के कैश फॉर स्कूल जॉब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के केस में प्रवर्तन निदेशालय ने शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था। इसको लेकर पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कुछ अहम सवाल पूछे और कहा कि आरोपी को बिना ट्रायल के कब तक हिरासत में रखा जा सकता है, क्योंकि वे 2 साल चार महीने से जेल में बंद हैं। पढ़ें पूरी खबर