दिल्ली की एक अदालत ने अलकायदा के दो संदिग्ध आतंकवादियों को 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली और ओडिशा से इन दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। वहीं दूसरी ओर एक आतंकी के उत्तर प्रदेश के सम्भल के मूल निवासी होने की बात सामने आने पर जिले में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। अल कायदा के दो संदिग्ध कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और ओडिशा से गिरफ्तार करने का दावा करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उसने इन गिरफ्तारियों के साथ ही देश से बाहर सक्रिय इस आतंकवादी समूह के भारतीय उपमहाद्वीप विंग के माड्यूल का पर्दाफाश कर दिया है।
पुलिस ने बताया कि मोहम्मद आसिफ (41) नाम के शख्स को जहां उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर से गिरफ्तार किया गया वहीं एक अन्य कार्यकर्ता अब्दुल रहमान (37) को ओडिशा के कटक के जगतपुर इलाके से बुधवार को गिरफ्तार किया गया। मोहम्मद आसिफ अल कायदा के भारतीय उपमहाद्वीप विंग के भर्ती और प्रशिक्षण को संचालित करने वाले विंग का संस्थापक सदस्य और भारतीय प्रमुख (अमीर) है।
संदिग्ध आतंकवादी की गिरफ्तारी के बाद सम्भल में रेड अलर्ट:
दिल्ली और ओड़िशा में गिरफ्तार किये गये अलकायदा के दो संदिग्ध सदस्यों में से एक के उत्तर प्रदेश के सम्भल के मूल निवासी होने की बात सामने आने पर जिले में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना ने गुरुवार को यहां बताया कि दिल्ली में गिरफ्तार किये गये अलकायदा के संदिग्ध सदस्य आसिफ का ताल्लुक सम्भल से होने के दावे के मद्देनजर जिले में सतर्कता बढ़ाते हुए बुधवार रात रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके तहत जिले की तमाम फैक्ट्रियों और कारखानों में मजदूरों की पहचान कराने के आदेश दिये गये हैं। साथ ही जिले की खुफिया इकाइयों को सतर्क कर मुख्य स्थानों पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। इसके अलावा होटलों तथा अतिथिगृहों में रहने वालों की जांच भी शुरू कर दी गयी है।
मालूम हो कि आसिफ (41) को उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर से गिरफ्तार किया गया था। वह अलकायदा की भारतीय उपमहाद्वीप इकाई (एक्यूआईएस) की भर्ती और प्रशिक्षण को संचालित करने वाले विंग का संस्थापक सदस्य और भारतीय प्रमुख (अमीर) है।
भारत का अलकायदा प्रमुख निकला उत्तरप्रदेश का बाशिंदा, दिल्ली-कटक से दो आतंकी गिरफ्तार
आसिफ जून 2013 में दो अन्य युवकों के साथ दिल्ली से ईरान के तेहरान गया था। वहां वह कासिम से मिला था जिसने उनके लिए ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के जाहिदान के लिए टिकटों की व्यवस्था की थी। वहां से वे ईरान पाकिस्तान सीमा की ओर गए और उन्होंने सीमा को पैदल पार किया।
पाकिस्तान पहुंचने के बाद भी उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखी और वे दक्षिणी वजीरिस्तान पार कर उत्तर वजीरिस्तान के सुमाली पहुंचे। वहां आसिफ ने अपने उस्मान (कूट नाम असद) नाम के एक ऐसे भारतीय मित्र से मुलाकात की जो काफी पहले ही भारत छोड़कर वहां जा बसा था।
उस्मान ने आसिफ का मौलाना आसिम उमर से परिचय कराया। उमर भारतीय मूल का आतंकवादी था जिसे अल कायदा प्रमुख अयमान अल जÞवाहिरी ने खुद एक्यूआईएस का अमीर घोषित किया था। वजीरिस्तान में आसिफ को सघन प्रशिक्षण दिया गया था, इस बात को ध्यान में रखकर कि उसे वापस लौटने पर भारत में एक्यूआईएस का प्रधान विचारक बनना है।
