दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह सिविल लाइंस स्थित उनके सरकारी आवास पर ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हमला किया गया। दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले व्यक्ति राजेश खिमजी सकरिया को गिरफ्तार कर लिया है। इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के राजकोट शहर के निवासी राजेश खिमजी सकरिया के खिलाफ एक ही पुलिस स्टेशन में 9 मामले दर्ज हैं। इसमें से ज़्यादातर मामले शराब पीकर दुर्व्यवहार, आपराधिक धमकी और हमले के हैं।

आरोपी की मां ने बताया ‘डॉग लवर’

राजकोट के अजी डैम पुलिस स्टेशन के पास रहने वाली राजेश की मां भानु खिमजी सकरिया ने मीडिया को बताया कि उनका बेटा ‘कुत्तों का प्रेमी’ था और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से परेशान था, जिसमे दिल्ली के अधिकारियों को सभी आवारा कुत्तों को उठाकर आश्रय स्थलों में रखने का निर्देश दिया गया था।

घटना के कुछ घंटों बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए भानु सकरिया ने कहा, “वह रविवार को दिल्ली गया था और सोमवार को वहां पहुंचा। जब उसके पिता ने उससे उसके ठिकाने के बारे में पूछा, तो राजेश ने कहा कि वह कुत्तों के लिए दिल्ली गया था।” 36 वर्षीय राजेश, उसके पिता और भाई, सभी राजकोट में रिक्शा चालक हैं।

‘वह कभी-कभी परिवार में किसी पर भी हमला कर देता है’, रेखा गुप्ता पर अटैक करने वाले की मां बोलीं- कुत्तों के लिए प्रेम के चलते ऐसा किया

जब मां से हमले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “उनका दिमाग ऐसा ही है। वह किसी को भी मार सकता है। उसने मुझे और अपनी पत्नी को भी मारा है। उसे मानसिक समस्याएं हैं, लेकिन वे कोई दवा नहीं ले रहा है। कुत्तों वाले मामले के बारे में जानकर उसे इतना गुस्सा आया कि गुस्से में उसने बिस्तर पर वार करके उसे लगभग तोड़ ही दिया।” राजकोट सिटी पुलिस के डीसीपी जगदीश बंगरवा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “राजेश की मां के अनुसार वह एक पशु प्रेमी प्रतीत है, जो सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से परेशान था। वह राजकोट में ही रहता है, लेकिन कुत्तों वाले मामले की वजह से दिल्ली चला गया।” पुलिस ने यह भी जांच की कि क्या सकरिया ने किसी रिश्तेदार की जेल से रिहाई के लिए दिल्ली के सीएम पर हमला किया होगा। इस पर डीसीपी बंगरवा ने कहा, “हमने जांच की, लेकिन सकरिया का कोई रिश्तेदार जेल में नहीं है।”

गुजरात में दर्ज 9 मामले

हालांकि सकरिया का राजकोट सिटी पुलिस के साथ लंबा इतिहास रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस को एक पुलिस दस्तावेज मिला है जिसमें 2017 से 2022 के बीच उसके ख़िलाफ दर्ज 9 मामलों का विवरण है, जो सभी राजकोट के भक्तिनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए थे। 2017 में उस पर सितंबर में स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए कथित रूप से उकसाने का मामला दर्ज किया गया था और नवंबर में उसे प्रीवेंटिव हिरासत में भेज दिया गया था।

2020 में राजेश पर तीन बार (अगस्त, अक्टूबर और नवंबर में) कथित नशे में दुर्व्यवहार के लिए मामला दर्ज किया गया था। फरवरी 2021 में उस पर कथित आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया था। 2022 में राजेश को जनवरी में प्रीवेंटिव हिरासत में भेज दिया गया और फिर जुलाई और नवंबर में कथित नशे में दुर्व्यवहार के लिए मामला दर्ज किया गया।