दिल्ली सरकार ने भले ही बाजार खोलने और सीमाओं को बंद करने का फैसला कर लिया है, लेकिन अब यह गेंद आम लोगों के पाले में डाल दी गई है। मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि अगर दूसरे राज्यों से लोग दिल्ली आ गए तो कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तर जल्दी भर जाएंगे। इसलिए सीमा बंद कर दी है। अब आम जनता बताएगी कि सीमा खोलनी चाहिए या नहीं। उन्होंने आम जनता से शुक्रवार शाम 5:00 बजे तक 1031 पर फोन करके सुझाव मांगा है। ये सुझाव मोबाइल नंबर 880007722 पर वाट्सऐप के जरिए भी भेजे जा सकते हैं। ईमेल के जरिए दिल्लीसीएम.सजेशनएटजीमेल.कॉम (delhicmsuggestion@gmail.com) पर भेज सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 9500 बिस्तर का इंतजाम किया है।
क्या-क्या खुलेगा
’नाई की दुकान भी खुलेंगी
’बाजार में सभी दिन सभी तरह की दुकानें खुलेगी
’बाजारों में दो गज की दूरी का सख्ती से पालन करना होगा
’स्पा नहीं खुलेंगे
’ई-रिक्शा आटो से एक सवारी की पाबंदी रहेगी
’रात 9 से सुबह 5 तक कर्फ्यू रहेगा
’कार में चालक के अलावा 2 लोग बैठेंगे
’रेस्तरां से खाना घर पहुंचाने की सुविधा जारी रहेगी
’बस में 20 यात्री एक बार में सफर कर सकेंगे
मोबाइल ऐप पर मिलेगी जानकारी
दिल्ली सरकार ने मरीजों के लिए एक मोबाइल ऐप तैयार कर लिया है। इससे मरीज फोन पर अस्पताल में कहा बिस्तर खाली है, इसकी जानकारी ले सकेंगे। 5 जून तक 9500 बेड का इंतजाम और हो जाएगा। दिल्ली में आज की तारीख में अभी करीब 2300 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। किस अस्पताल में बेड, वेंटिलेटर और आक्सीजन उपलब्ध है, इसके बारे में आपको अब एप की मदद से पता
चल जाएगा।
सीमा सील करना, ध्यान भटकाने की कोशिश : बिधूड़ी
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नाकामी को छिपाने के लिए लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राममनोहर लोहिया और सफदरजंग जैसे बड़े केंद्र सरकार के अस्पताल भी हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री केजरीवाल यह कैसे तय कर सकते हैं कि अन्य प्रदेश का कोई मरीज इन अस्पतालों में इलाज कराने नहीं आएगा।
केंद्र के इशारे पर चल रहे केजरीवाल : चौधरी
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल ने पूर्णबंदी के नियमों में ढील देन के कारण प्रतिदिन कोरोना मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने प्रेसवार्ता में कहा की कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का दिल्ली ने अनुपालन किया। ऐसा लगता है कि मानो दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने विवेक से फैसले न लेकर सब कुछ केंद्र सरकार के इशारे पर
कर रहे हैं।

