दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 27 जनवरी को आखिरकार बेंगलुरु के जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट पहुंच गए। अब वह कुछ दिन वहीं बिताएंगे। वह वहां खांसी और अन्य तकलीफों का इलाज करवाने गए हैं। काफी दिनों से वह वहां जाना चाह रहे थे, पर अलग-अलग कारणों से कार्यक्रम टलता जा रहा था।
15 जनवरी को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया था कि केजरीवाल 22 जनवरी से 10 दिनों की मेडिकल लीव पर जाएंगे। इस दौरान वे बेंगलूरु में अपनी खांसी का नैचुरोपैथी के जरिए इलाज कराएंगे। उन्होंने यह भी बताया था कि केजरीवाल 22 दिसंबर से छुट्टी पर जाने वाले थे। लेकिन दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए चलाई गई ऑड-ईवन स्कीम का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करने के लिए उन्होंने बेंगलुरु जाने का कार्यक्रम टाल दिया थ। ऑड-ईवन स्कीम 1 से 15 जनवरी तक ट्रायल के तौर पर चलाई गई थी। इसके तहत दिल्ली की सड़कों पर एक दिन ऑड नंबर और दूसरे दिन इवन नंबर की गाड़ी ही चलने दी जा रही थी। स्कीम का ट्रायल खत्म होने के बाद भी केजरीवाल किसी कारण से बेंगलुरु नहीं जा सके थे।
ठंढ बढ़ते ही केजरीवाल की खांसी बढ़ गई थी और ब्लड शुगर भी बढ़ गया था। केजरीवाल पिछले साल मार्च में भी खांसी का इलाज कराने बेंगलूरु स्थित जिंदल नेचर केयर इंस्टीट्यूट गए थे। इस दौरान उन्होंने वहां पर योग किया था और खांसी व डायबिटीज के इलाज के लिए उन्हें डाइट पर रखा गया था। डॉक्टरों ने केजरीवाल को इलाज के बाद योग करने, खाने में बदलाव और दिनचर्या में बदलाव करने की सलाह दी थी।
