Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हाल ही में जेल से बाहर आए। शर्तों के साथ मिली जमानत के चलते ही केजरीवाल के साथ सीएम पद को लेकर कई बंदिशे भी हैं। इसके चलते ही उन्होंने ऐलान किया है कि वे दो दिन में इस्तीफा दे देंगे। ऐसे में चर्चा शुरू हो गई है कि दिल्ली का अगला सीएम किसे बनाएंगे, और यह भी दावा किया जा रहा है कि आखिर अपने किस करीबी को अरविंद केजरीवाल इस पद के लिए तवज्जो देंगे।
अहम बात यह भी है कि दिल्ली में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा एक राजनीतिक दांव माना जा रहा है। केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी सीएम पद नहीं संभालेंगे।
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विधानसभा में अगर आप जीती तो बनेगा रिकॉर्ड
दिल्ली की सियासत को लेकर जनता का रुख बेहद दिलचस्प रहा है क्योंकि जो जनता 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में सात की सात सीटें बीजेपी की झोली में डाल देती है, वही जनता दिल्ली में 2015 और 2019 में आम आदमी पार्टी को तीन चौथाई से ज्यादा की मैजॉरिटी देकर विधानसभा पहुंचाती है। अगर इस बार भी यही ट्रेंड दिल्ली की जनता बरकरार रखती है, तो आम आदमी पार्टी इन चुनाव में एक बड़ा रिकॉर्ड बनाएगी।
चौथी बार CM पद की शपथ लेंगे अरविंद केजरीवाल?
एक तरफ जहां तीसरी बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी के जीतने पर किसी 15 साल पुरानी पार्टी के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी, तो दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल आप के बहुमत हासिल करने पर फिर से सीएम बन सकेंगे। अगर आप को बहुमत मिलता है, तो अरविंद केजरीवाल दिल्ली के पहले ऐसे सीएम होंगे, जो कि चौथी बार सीएम पद की शपथ लेंगे।
इसके पहले वे एक बार कांग्रेस के बाह्य समर्थन से 28 सीटें लाकर 49 दिन की सरकार चला चुके हैं और फिर 2015 से अब तक दस साल के कार्यकाल में उन्होंने दो बार सीएम पद की शपथ ली। ऐसे में अगर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल चौथी बार सीएम पद की शपथ लेगे तो तो यह दिल्ली की राजनीति के लिहाज से इतिहास है।
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सबसे लंबा रहा है शीला दीक्षित का कार्यकाल
अभी तक दिल्ली के सीएम के लिहाज से सबसे लंबा कार्यकाल दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित का रहा है, जो कि तीन टर्म पूरे करने वाली सीएम थीं। इसके अलावा बीजेपी ने अपने पांच साल के कार्यकाल में तीन सीएम बनाए थे और फिर वह विधानसभा की सियासत से गायब ही हो गई। दिल्ली के पहले सीएम चौधरी ब्रह्म प्रकाश चौधरी थे। उनका कार्यकाल 17 मार्च 1952 से 12 फरवरी 1955 तक रहा था।
क्रम संख्या | दिल्ली के मुख्यमंत्री | कार्यकाल |
1 | चौधरी ब्रह्म प्रकाश | 1952 से 1955 |
2 | गुरुमुख निहाल सिंह | 12 फरवरी 1955 से 9 नवंबर 1956 |
3 | मदनलाल खुराना | 1993 से 1996 |
4 | साहिब सिंह वर्मा | 1996 से 1998 |
5 | सुषमा स्वराज | 12 अक्टूबर 1998 से 3 दिसंबर 1998 |
6 | शीला दीक्षित | 1998 से 2013 |
7 | अरविंद केजरीवाल | 18 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014 |
8 | अरविंद केजरवीला | 14 फरवरी 2014 से वर्तमान तक |
एक बड़ा सवाल यह भी होगा कि अगर आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव के नतीजों में बहुमत हासिल करने में कामयाब हो ही जाती है, तो भी क्या अरविंद केजरीवाल सीएम बनेंगे, क्योंकि अगर उस समय तक भी दिल्ली के कथित आबकारी नीति के मामले में केजरीवाल के खिलाफ केस चलता रहा, तो उस पर कोर्ट का, या जांच एजेंसियों का क्या रुख रहता है, यह भी देखना अहम होगा।