नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष मनोज तिवारी का अरविंद केजरीवाल की सरकार को लेकर किया एक दावा झूठा निकला है। तिवारी ने कहा था कि केंद्र सरकार से साल 2018 में बजट के तौर पर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को 48 हजार करोड़ रुपए हासिल हुए। पर असल आंकड़े बताते हैं कि यह रकम 775 करोड़ रुपए है। आपको बता दें कि दिल्ली बीजेपी मुखिया की यह गलत आंकड़े वाली टिप्पणी सीएम केजरीवाल के उस ट्वीट पर आई थी, जिसमें उन्होंने केंद्र और एमसीडी की सरकार पर दिल्ली में कई समस्याएं पैदा करने का आरोप लगाया था।

वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए बजट के आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 में दिल्ली सरकार को 325 करोड़ रुपए केंद्र से अनुदान के रूप में मिले थे। यह रकम केंद्रीय करों का हिस्सा थी।

वहीं, 22 मार्च 2018 को मनीष सिसोदिया द्वारा पेश किए गए बजट के मुताबिक केंद्र ने दिल्ली को कुल 775 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जिसमें 450 करोड़ रुपए नॉर्मल सेंट्रल एसिस्टेंस के रूप में दिए गए थे, जबकि 325 करोड़ रुपए केंद्रीय कर के तौर पर आवंटित हुए थे।

तिवारी से जब पेश किए गए आंकड़ों के स्रोत के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने एक चैनल को बताया था, “केंद्र शासित होने के कारण दिल्ली को उसके सभी फंड केंद्र सरकार से मिलते हैं। मोदी सरकार ने राजधानी का बजट 36 हजार से बढ़ाकर 48 हजार करोड़ कर दिया। अब दिल्ली की सरकार के पास नगर निगम के कर्मचारियों को तनख्वाह न देने को लेकर कोई बहाना नहीं होगा।”

दिल्ली बजट के दस्तावेजों से जाहिर है कि राष्ट्रीय राजधानी 95 फीसदी से अधिक का राजस्व अपने खुद के स्रोतों से पैदा करती है, जिसमें कर और एक्साइज ड्यूटी शामिल हैं। यानी दिल्ली बीजेपी मुखिया ने जो तथ्य पेश किए थे, वे गलत हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली में आप के नेतृत्व वाली सरकार और बीजेपी के नेतृत्व वाले नगर निगम के बीच पूर्व में फंड को लेकर काफी विवाद हो चुका है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के कर्मचारी तनख्वाह न दिए जाने को लेकर 11 सितंबर से हड़ताल पर हैं।