Delhi Bike Taxi Ban: आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में प्राइवेट बाइक टैक्सी के संचालन को पूरी तरह बैन कर दिया है। दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने रविवार (21 फरवरी) को एक नोटिस जारी कहा कि दिल्ली में बिना कमर्शियल लाइसेंस के चल रही ऐप आधारित प्राइवेट बाइक टैक्सी के संचालन पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में कितने लोग बाइक टैक्सी का इस्तेमाल करते हैं?
दिल्ली में हर हफ्ते बाइक टैक्सियों पर 5 लाख से 7.5 लाख यात्राएं
दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 1.14 लाख ऑटो और 1.12 लाख पंजीकृत टैक्सी हैं। 1.12 लाख में से, लगभग 30,000-35,000 हर दिन शहर की सड़कों पर चलते हैं। हालांकि, यह आंकड़ा 60,000-65,000 तक जाता है अगर कोई राजधानी के बाहर से भी टैक्सियों को शहर में लाता है।
इस बिजनेस से जुड़े अंदरूनी सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में हर हफ्ते बाइक टैक्सियों पर 5 लाख से 7.5 लाख यात्राएं की जाती हैं। सूत्रों के अनुसार इस आंकड़े में दिल्ली में तीन सबसे प्रमुख एग्रीगेटर्स उबर, ओला और रैपिडो द्वारा पेश की जाने वाली बाइक टैक्सी की सवारी शामिल है।
ओला, उबर और रैपिडो के साथ लगभग 90,000 बाइक राइडर
आंकड़ों के मुताबिक, उबर में सभी यात्राओं का लगभग पांचवां हिस्सा बाइक टैक्सी का होता है, जो ज्यादातर 10 किलोमीटर से कम दूरी के छोटे आवागमन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि कोविड महामारी खत्म होने के बाद से बाइक टैक्सी की मांग में वृद्धि देखी गई है। यात्री अक्सर मेट्रो स्टेशनों और बस स्टैंड से कनेक्टिविटी के लिए इनका उपयोग करते हैं।
सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में ओला, उबर और रैपिडो के साथ लगभग 90,000 एक्टिव मासिक बाइक राइडर हैं। इनमें आय के अतिरिक्त स्रोत की तलाश करने वाले युवा शामिल हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने महामारी के दौरान नौकरी खो दी है और अन्य जो पार्ट-टाइम काम के रूप में ऐसा करते हैं। अक्सर बाइक टैक्सी सेवा देने वाले राइडर्स आइटम पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा भी देते हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, इंडस्ट्री के नियमों के अनुसार एक ड्राइवर दिल्ली में पार्ट-टाइम ड्राइविंग करके हर महीने 14,000-16,000 रुपये कमाता है।
(Story by Gayathri Mani)