CAA को लेकर दिल्ली के दरियागंज में भड़की हिंसा के मामले में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद शनिवार दोपहर अरेस्ट किए जाने के बाद शाम को तिहाड़ जेल भेज दिए गए। वह वहां 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रहेंगे। चंद्रशेखर ने तीस हजारी कोर्ट में इस बाबत जमानत याचिका दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। समाजेंसी PTI-Bhasha के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में फिलहाल अरेस्ट लोगों का आंकड़ा 16 हो गया है।

इससे पहले, CAA को लेकर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्हें शनिवार तड़के जामा मस्जिद इलाके से हिरासत में लिया गया था। दरअसल, उन्होंने जामा मस्जिद से लेकर जंतर मंतर तक विरोध मार्च निकालने के लिए अनुमति मांगी थी, पर पुलिस प्रशासन ने इससे इन्कार कर दिया था।

CAA के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने की घोषणा करने वाले आजाद पुलिसर्किमयों को झांसा देकर मस्जिद के अंदर दाखिल हुए थे, जबकि पुलिस उन्हें हिरासत में लेने के लिए उनकी घंटों तलाश करती रही थी।

उन्होंने कहा था, ‘‘हमें बलिदान देना होगा, ताकि कानून वापस लिया जाए। हम हिंसा का समर्थन नहीं करते। हम शुक्रवार सुबह से मस्जिद के अंदर बैठे थे और हमारे लोग हिंसा में शामिल नहीं थे।’’ मस्जिद के आस-पास बड़ी संख्या में तैनात पुलिस कर्मी आजाद के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। बड़ी संख्या में लोग भी यहां एकत्र थे।

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जामा मस्जिद इलाके के पास 20 दिसंबर 2019 को CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ था। भीड़ के बीच वहीं पर नारेबाजी करते हुए भीम आर्मी चीफ। (फोटोः पीटीआई)

सीनियर पुलिस अधिकारी उनसे शुक्रवार शाम से मस्जिद से बाहर आने की अपील कर रहे थे। कई घंटों तक चले इस नाटक का अंत शनिवार तड़के करीब तीन बजकर 15 मिनट पर हुआ जब आजाद बाहर आने को राजी हो गए थे। इससे पहले, आजाद ने कहा था कि उनका समूह दिल्ली गेट के पास हुई हिंसा में शामिल नहीं था।

जामा मस्जिद के बाहर कड़ी सुरक्षा को लांघ वह कैसे यहां पहुंचे, इस सवाल पर उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह टोपी पहनकर और शॉल ओढ़कर शुक्रवार अपराह्न करीब डेढ़ बजे जामा मस्जिद के अंदर गए। उन्होंने बताया था, ‘‘ मेरा नाम चंद्रशेखर आजाद है। पुलिस मुझे कैद नहीं कर सकती। मैं टोपी पहनकर और एक शॉल ओढ़कर आराम से मस्जिद में दाखिल हुआ।’’