नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में 50 दिनों से ज्यादा समय से विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने शाहीन बाग मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। गृह मंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने अपनी रैलियों और जनसभाओं में इसका जिक्र किया। वहीं आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल इसका जिक्र करने से बचते नजर आए। इसका असर चुनाव नतीजों में देखने को मिल रहा है। एक सर्वे के माध्यम से यह बात सामने आयी है कि शाहीन बाग प्रदर्शन के बारे में 95% मुसलमानों को पता था, जिसमें से 83 फीसदी ने आप को वोट किया।
चुनाव प्रचार के अंतिम सप्ताह में किए गए लोकनीति चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण में पाया गया कि मतदाताओं के एक वर्ग विशेष कुछ ओबीसी और उच्च जाति के हिंदुओं के बीच यह मुद्दा कुछ हद तक प्रभावित किया लेकिन इस मुद्दे पर करीब दो प्रतिशत वोट का ही भाजपा को फायदा मिल सका। भाजपा इस मुद्दे पर ध्रुवीकरण की जितना उम्मीद कर रही थी, उतना हो नहीं पाया।
सर्वे में पाया गया कि करीब 79 प्रतिशत मतदाता शाहीन बाग प्रदर्शन के बारे में अवगत थे और 21 प्रतिशत नहीं थे। जो लोग शाहीन बाग के बारे में जान रहे थे, उनमें से 4 प्रतिशत ने कांग्रेस, 41 प्रतिशत ने बीजेपी, 53 प्रतिशत ने आप और 2 प्रतिशत ने अन्य को वोट दिया। जिन्हें इस प्रदर्शन के बारे में जानकारी नहीं थी, उन 21 प्रतिशत लोगों में से 4 प्रतिशत ने कांग्रेस, 36 प्रतिशत ने बीजेपी, 56 प्रतिशत ने आप और 4 प्रतिशत ने अन्य को वोट दिया।
हिंदू वोटरों में 76 प्रतिशत लोग इस प्रदर्शन के बारे में जानते थे। इनमें से 3 प्रतिशत ने कांग्रेस, 49 प्रतिशत ने बीजेपी, 46 प्रतिशत ने आप और 2 प्रतिशत ने अन्य को वोट किए। 24 प्रतिशत हिंदू वोटर प्रदर्शन के बारे में अवगत नहीं थे। इनमें से 4 प्रतिशत ने कांग्रेस, 39 प्रतिशत ने बीजेपी, 54 प्रतिशत ने आप और 4 प्रतिशत ने अन्य को वोट दिया।
मुसलमानों की बात करें तो 95 प्रतिशत मुसलमान प्रदर्शन से अवगत थे। इनमें से 13 प्रतिशत ने कांग्रेस, 3 प्रतिशत ने भाजपा, 83 प्रतिशत ने आप और 1 प्रतिशत ने अन्य को वोट किया। 5 प्रतिशत मुसलमान शाहीन बाग से अवगत नहीं थे। इनमें से 9 प्रतिशत ने कांग्रेस, 9 प्रतिशत ने बीजेपी और 82 प्रतिशत ने आप को वोट दिए।
यह डेटा सीएसडीएस के लोकनीति प्रोग्राम के द्वारा चुनाव से पूर्व किए गए सर्वे पर आधारित है। सर्वे 31 जनवरी से 6 फरवरी के बीच किया गया था। इसके माध्यम से 35 विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ने वाले 175 पोलिंग स्टेशन के 3,335 मतदाताओं की राय ली गई थी। 90 फील्ड इंवेस्टिगेटर जिसमें ज्यादातर कॉलेज के छात्र थे, ने हिंदी में फेस टू फेस इंटरव्यू किया था।

