दिल्ली एनसीआर के कई हिस्सों में सोमवार की सुबह हुई बारिश से पिछले कई दिन से बनी गर्मी और उमस की स्थिति से राहत मिली। दिल्ली में सितंबर में और अक्टूबर की शुरुआत में असामान्य रूप से उच्च तापमान दर्ज किया गया है। वहीं, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 117 रहा जो मध्यम श्रेणी में आता है। इस सबके बीच ध्यान देने वाली बात यह है कि दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। ऐसे में शहर में विभिन्न प्रदूषण स्रोतों से होने वाले प्रदूषण को ट्रैक करने और वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) को दोबारा सक्रिय कर दिया गया है।
आईआईटीएम, पुणे द्वारा विकसित डीएसएस से यह पता चलता है कि पर्टिकुलेट मैटर (PM 2.5 और PM 10) कहां से आ रहे हैं और उत्सर्जन नियंत्रण उपायों के संभावित प्रभाव का अनुमान लगाया जाता है।
दिल्ली के PM 2.5 स्तर में सबसे अधिक योगदान परिवहन क्षेत्र का
5 अक्टूबर को उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के पीएम 2.5 स्तर में सबसे अधिक योगदान परिवहन क्षेत्र (16.96%) का है। अन्य पीएम 2.5 उत्सर्जक स्रोत आवासीय उत्सर्जन (4.28%), और उद्योग (3.11%) हैं। VIIRS उपकरण से शनिवार शाम तक की गणना के आधार पर, खेतों में आग लगने या पराली जलाने का योगदान न्यूनतम 0.22% ही बना हुआ है। VIIRS, या विज़िबल इन्फ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सूट, ध्रुवीय परिक्रमा करने वाले मौसम उपग्रहों पर लगे उपकरणों का एक समूह है जो सतही वनस्पतियों में होने वाले परिवर्तनों (जिनमें आग भी शामिल है) की निगरानी के लिए डेटा स्ट्रीम जेनरेट करता है।
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आईआईटीएम के एक अधिकारी के अनुसार, डीएसएस वर्तमान में 2021 में तैयार की गई उत्सर्जन सूची पर काम करता है जो स्रोत-वार अनुमानों की सटीकता को प्रभावित कर सकता है। पिछले साल वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने डेटा सटीकता संबंधी चिंताओं के चलते डीएसएस को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। सीएक्यूएम दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए एक वैधानिक निकाय है, जिसका कार्य वायु गुणवत्ता सूचकांक से जुड़ी समस्याओं के बेहतर समन्वय, अनुसंधान, पहचान और समाधान सुनिश्चित करना है।
क्या है DSS?
डीएसएस अगले 120 घंटों या पांच दिनों के लिए पूर्वानुमान उत्पन्न करता है। आईआईटीएम के अनुसार, डीएसएस निम्नलिखित के बारे में मात्रात्मक जानकारी प्रदान करता है: दिल्ली और आसपास के 19 जिलों से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में उत्सर्जन का योगदान; दिल्ली में आठ विभिन्न उत्सर्जन क्षेत्रों से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में उत्सर्जन का योगदान; पड़ोसी राज्यों में बायोमास-जलाने की गतिविधियों से दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट में योगदान और दिल्ली में गंभीर वायु-गुणवत्ता की घटनाओं के पूर्वानुमान पर संभावित उत्सर्जन स्रोत के प्रभाव।
दिल्ली का डीएसएस वर्तमान में केवल सर्दियों में ही संचालित होता है जिससे पूरे साल प्रदूषण स्रोतों पर नज़र रखने में इसकी उपयोगिता सीमित हो जाती है। पूरी तरह से प्रभावी होने के लिए इसे साल भर चलना चाहिए। यह मॉडल आग की घटनाओं और उत्सर्जन पर जलवायु संबंधी आँकड़ों का उपयोग करके अगले तीन दिनों के लिए प्रदूषण के स्तर का भी पूर्वानुमान लगाता है।
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