दिल्ली में प्रदूषण के हालात बुधवार को भी चिंताजनक बने रहे, हालांकि सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में मामूली सुधार दर्ज किया गया। बुधवार को औसत AQI 421 रहा, जो अब भी ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यह मंगलवार के 500 से थोड़ा कम है। प्रदूषण के चलते राजधानी में सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता (Visibility) प्रभावित हुई। आईजीआई एयरपोर्ट पर सुबह 800 मीटर की दृश्यता दर्ज की गई। प्रदूषण के लिहाज से मुंडका (464), वजीरपुर (462) और अलीपुर (462) सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके रहे। आनंद विहार, द्वारका, रोहिणी, पंजाबी बाग और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में भी AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है।

दिल्ली वालों को मास्क पहनकर ही बाहर निकलने की सलाह

विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की धीमी गति और बारिश की कमी से प्रदूषकों का स्तर बढ़ा हुआ है। मौसम विभाग ने बताया कि हवा की गति तेज होने और बारिश के आसार अगले दो-तीन दिनों में कुछ राहत दे सकते हैं। दिल्लीवासियों को फिलहाल मास्क पहनने और बाहर जाने से बचने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में कोहरे की स्थिति बने रहने और 19 नवंबर को ऑरेंज अलर्ट तथा 20-21 नवंबर को येलो अलर्ट जारी किया है। सरकार ने नागरिकों से सतर्क रहने और नियमों का पालन करने की अपील की है।

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दिल्ली सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ऐलान किया कि राज्य सरकार के 50% कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे। प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश की योजना पर भी काम किया जा रहा है। इस संदर्भ में दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक पत्र लिखा है। पत्र में केंद्रीय गृह, पर्यावरण और रक्षा मंत्रालय सहित विभिन्न विभागों की संयुक्त बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया है।

गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के चौथे चरण की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए अब कृत्रिम वर्षा की जरूरत है। विशेषज्ञों और IIT कानपुर की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला लिया गया। राय ने यह भी कहा कि पूरे उत्तर भारत में स्मॉग की मोटी परत छाई हुई है, जो बुजुर्गों और बच्चों की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल रही है।

सरकार ने ऑड-ईवन लागू करने और अन्य सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं। गोपाल राय ने कहा कि स्थिति का आकलन जारी है और विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। प्रदूषण से निपटने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।