PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (15 अक्टूबर) को कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कई पहलुओं पर अपनी बात रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने न्याय में देरी पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय मिलने में देरी देश के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और न्यायपालिका इस दिशा में पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें अब कानून बनाते समय उसकी उम्र भी तय करनी होगी। उन्होंने कुछ देशों का हवाला देते हुए कहा कि जब वहां पर नया कानून बनाया जाता है तो उस कानून की उम्र तय कर दी जाती है कि वह कानून कब तक प्रभावी रहेगा। यह कानून पांच साल के लिए है या फिर दस साल के लिए है। पीएम ने कहा भारत में हमें इस भावना को लेकर आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि कानून की समीक्षा की अवधि और उसकी एक्सपाइरी डेट होगी तो अच्छा होगा।
सरल भाषा में होने चाहिए कानून: पीएम ने कहा, “हमारे कानून सरल, सहज और सामान्य भाषा में होने चाहिए। इसके लिए हमें काम करना पड़ेगा। कानून बनाते समय हमारा फोकस होना चाहिए कि कानून की व्याख्या सरल होनी ही चाहिए।” उन्होंने कहा, “कानून बनाते हुए हमारा फोकस होना चाहिए कि गरीब से गरीब भी नए बनने वाले कानून को अच्छी तरह समझ पाएं। किसी भी नागरिक के लिए कानून की भाषा बाधा न बने, हर राज्य इसके लिए भी काम करे।”
लॉ से जुड़े कोर्सेस मातृभाषा में: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “इसके लिए हमें लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर का सपोर्ट भी चाहिए होगा। युवाओं के लिए मातृभाषा में एकेडमिक सिस्टम भी बनाना होगा।” इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लॉ से जुड़े कोर्सेस मातृभाषा में हों। हमारे कानून सरल, सहज भाषा में लिखे जाएं। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण केसेस की डिजिटल लाइब्रेरी स्थानीय भाषा में हो, इसके लिए हमें काम करना होगा।
लोक अदालतें त्वरित न्याय का माध्यम: प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में लोक अदालतों का जिक्र करते हुए कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से देश में बीते वर्षों में लाखों केसों को सुलझाया गया है। देश में त्वरित न्याय का एक और माध्यम लोक अदालतें भी बनी हैं। उन्होंने कहा, “कई राज्यों में इसे लेकर बहुत अच्छा काम भी हुआ है। इनसे अदालतों का बोझ भी कम हुआ है और खासतौर पर, गांव में रहने वाले लोगों को, गरीबों को न्याय मिलना भी बहुत आसान हुआ है।”