Lotus in G-20 Logo Controversy: भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के लोगो में कमल के फूल के इस्तेमाल को लेकर देश में विवाद शुरू हो गया है। इस पर रक्षा मंत्री (Defense Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि यह हमारा राष्ट्रीय पुष्प है और भारत की संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने एक हाथ में कमल का फूल और एक हाथ में रोटी लेकर आजादी की जंग लड़ी थी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लोग आरोप लगा रहे हैं कि कमल के फूल का इस्तेमाल इसलिए किया गया क्योंकि यह भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने की भी हद होती है, जबकि सच्चाई ये है कि कमल के फूल को 1950 में भारत की सरकार ने ही अपना राष्ट्रीय पुष्प घोषित कर दिया था और उन्होंने ये इसलिए किया क्योंकि कमल का फूल इस देश की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।

उन्होंने आगे कहा, “जब 1857 में प्रथम स्वाधीनता संग्राम लड़ा गया, तो आजादी के मतवालों ने एक हाथ में रोटी और एक हाथ में कमल का फूल लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे सांस्कृतिक प्रतीकों को लेकर भी विवाद खड़ा किया जा रहा है। जो हमारे भारत की सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़े हमारे प्रतीक और चिन्ह हैं, उनको लेकर भी विवाद खड़ा किया जाता है।

उन्होंने कहा, “जी-20, जो दुनिया के ऐसे देशों का सम्मेलन यहां पर होने जा रहा है, जो पूरी दुनिया की 85 फीसदी से ज्यादा की अर्थव्यवस्था पर अपना होल्ड रखते हैं। दुनिया की 85 फीसदी अर्थव्यवस्था पर जिनका कब्जा है, ऐसे 20 देशों का समूह जिसे जी-20 कहते हैं, का सम्मेलन यहां पर होने जा रहा है। उस सम्मेलन के लिए हमारे प्रधानमंत्री ने एक लोगो जारी किया है और उस लोगो में एक कमल का फूल बना हुआ था। इस पर लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया और कहा कि यह कमल का फूल तो भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह है। आरोप लगाने की भी हद होती है।”

लोगो को लेकर कांग्रेस का बीजेपी पर हमला

कांग्रेस ने जी-20 लोगो में कमल के फूल को लेकर बीजेपी पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि जी-20 के लोगो में बीजेपी के चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि पीएम मोदी और उनकी पार्टी खुद को बढ़ावा देने का कोई मौका नहीं गंवाना चाहते हैं।