रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से 145 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोप खरीदने को मंजूरी दे दी है। इस सौदे पर करीब 5000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। साथ ही 18 धनुष आर्टिलरी बंदूक के थोक निर्माण को भी हरी झंडी दी गई है। बोफोर्स सौदे के बाद 30 साल में भारत पहली बार तोप खरीदने जा रहा है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता वाली डिफेंस एक्वीजिशन काउंसिल(डीएसी) में शनिवार को 22 हजार करोड़ के 18 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इसमें नेवी को अगली पीढ़ी के मिसाइल वेसेल बनाने के टेंडर जारी करने के मुद्दे की जरूरत को मान लिया गया। इस पर कुल 13600 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा।
भारत में तीन महिला फायटर पायलटों को मिला वायु सेना में कमीशन, रचा इतिहास
अधिकारी ने बताया, ”रक्षा मंत्री की अध्यक्ष ता में डीएससी ने 19 प्रस्तावों पर विचार किया। इस दौरान 28 हजार करोड़ के नए प्रस्तावों पर चर्चा हुई और पुरानी योजनाओं को रिव्यू किया गया।” डीएसी ने 25 किलोमीटर रेंज वाली हॉवित्जर के सप्लाई पीरियड को भी कम कर दिया। अधिकारी ने बताया कि भारत ने अमेरिकी सरकार को हॉवित्जर की खरीद के बारे में खत लिखा था। इन तोपों को चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में तैनात किया जाएगा। अमेरिका से मंजूरी का पत्र मिलने के बाद बैठक में नियम व शर्तों पर चर्चा करने के बाद इसे मंजूर कर लिया गया। अब दोबारा से अमेरिका को खत लिखा जाएगा और रकम की पहली किश्त के भुगतान की प्रकिया शुरू हो जाएगी।
एक मिनट में 600 फायर, 2.5 सेकंड में रिलोड, क्यों सेनाओं से लेकर आतंकियों की पहली पंसद बना AK 47
हॉवित्जर बनाने वाली कंपनी बाई सिस्टम्स भारत में ऑफसेट लगाने के लिए 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगी। वहीं 25 तोपें बिलकुल तैयार अवस्था में आएंगी जबकि बाकी को यहां पर असेंबल किया जाएगा। हॉवित्जर खरीदने का प्रस्ताव 10 साल पहले रखा गया था। वहीं धनुष तोप के निर्माण पर भी डीएससी ने संतुष्टि जताई। इसके तहत तीन तोप 30 जून तक डिलीवर कर दी जाएंगी जबकि तीन और सितम्बर अंत तक मिल जाएंगी। धनुष को देशी बोफोर्स कहा जाता है। एक धनुष तोप की लागत 14 करोड़ है और यह 38 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
भारतीय वायुसेना की नजर स्वीडन के Gripen D फाइटर प्लेन पर, एयरचीफ ने खुद उड़ाकर लिया जायजा
हॉवित्जर की खासियत: 1- हॉवित्जर तोपें दूसरी तोपों के मुकाबले काफी हल्की हैं। इनको बनाने में टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है। यह 25 किलोमीटर दूर तक बिल्कुट सटीक तरीके से टारगेट हिट कर सकती हैं।
2- चीन से निपटने में तो ये तोपें काफी कारगर साबित हो सकती हैं। भारत ये तोपें अपनी 17 माउंटेन कॉर्प्स में तैनात कर सकता है।
भारत ने पहली Made In India पनडुब्बी कलवरी को समुद्र में उतारा, नौसेना ने बताया गौरवपूर्ण क्षण
3- भारत बोफोर्स का अपग्रेडेड वर्जन धनुष नाम से भारत में तैयार कर रहा है। इसका फाइनल ट्रायल चल रहा है। 1260 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में 114 का ट्रायल चल रहा है। जरूरत 414 तोपों की है।
सेना के लिए मिसाइल, पनडुब्बी और हेलिकॉप्टर बनाना चाहती है अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस