केंद्र की मोदी सरकार देश के लिए गोला बारूद का निर्माण करने वाली ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने की तैयारी कर रही है। रक्षा मंत्रालय देश की 41 ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों और 16 अन्य संबंद्ध संगठनों को कॉर्पोरेट बनाने के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति से एक अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह गठित करने की मंजूरी लेगी।

इसका उद्देश्य इन ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों को हथियार, और गोला-बारूद उत्पादन के क्षेत्र में ‘प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर’ बनाना है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार सरकारी सूत्रों का कहना है कि यदि सरकार ऐसा करने में सफल हो जाती है तो इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज मौजूदा स्वरूप में ना रह कर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में हो जाएंगी। इनका मैनेजमेंट कंट्रोल का जिम्मा सरकार के पास होगा।

सरकार के इस कदम के खिलाफ आरएसएस से जुड़े भारती मजदूर संघ से संबद्ध भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ ने 20 अगस्त को अखिल भारतीय स्तर पर हड़ताल का आह्वान किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी ऑर्डनेंस कंपनियों को प्राइवेट करने पर विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुकी हैं।

कॉर्पोरेटाइजेशन होने के बाद कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने वेतन और रिटायरमेंट से जुड़े सुरक्षात्मक उपायों का प्रस्ताव किया है। वर्तमान में देश की 41 ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों में 1.45 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें 1752 ग्रुप ‘ए’ अधिकारी शामिल हैं।

इस मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एनडीए सरकार इन सरकारी कंपनियों को प्राइवेट स्वरूप देकर इनका टर्नओवर अगले पांच से छह साल में मौजूदा 400 करोड़ से दुगना करना चाहती है। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की तरफ से इस मामले में निर्णय लिए जाने से पहले रक्षा मंत्रालय विभिन्न हितधारकों से इस बारे में विचार विमर्श कर रहा है।

रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की गई है। रक्षा मंत्रालय चाहता है कि अधिकार प्राप्त मंत्रियों का समूह ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड की इस बदलाव की प्रक्रिया की निगरानी करे। इस प्रस्तावित समिति में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद और श्रम व रोजगार मंत्री संतोष गंगवार व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सदस्य के रूप में शामिल हैं।