कैबिनेट कमेटी मामले में मोदी सरकार को यू-टर्न लेने पर मजबूर करने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने सरकारी आवास पर शुक्रवार को संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक बुलाई। बैठक में पार्टी अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। इससे पहले बुधवार को पुनर्गठित 8 कैबिनेट समितियों में से राजनाथ सिंह को सिर्फ 2 समितियों में शामिल किया गया था।

मीडिया में इस संबंध में खबरें प्रकाशित होने के बाद सरकार ने बृहस्पतिवार को सरकार की तरफ से आनन-फानन में राजनाथ सिंह को अन्य 4 समितियों में भी शामिल किए जाने की घोषणा की गई। राजनाथ ने शुक्रवार को जिस संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति के बैठक की अध्यक्षता की, उसमें पहले शाह को अध्यक्ष बनाया गया था।

जानकारों का मानना है समिति के पुनर्गठन के बाद ही राजनाथ ने अपने घर पर बैठक बुलाकर अलग ‘संदेश’ देने की कोशिश की है। संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक आमतौर पर संसद भवन में होती है। शुक्रवार को बुलाई गई इस मीटिंग को अपना महत्व दर्शाने के प्रयास संबंधी सवाल पर पार्टी के अधिकारी ने इस बात से इनकार किया।

अधिकारी ने कहा कि यह सिर्फ अनौपचारिक बैठक थी जिसमें 17 जून से शुरू हो रहे 17वीं लोकसभा में सरकार के कार्यों को लेकर चर्चा की गई। इस मीटिंग में कुछ खास नहीं हुआ। मीटिंग के लिए गृह मंत्री अमित शाह अनपे सरकार आवास 17 अकबर रोड से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर पहुंचे।

राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति का हिस्सा नहीं थे राजनाथः इससे पहले राजनाथ सिंह को राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति में भी शामिल नहीं किया गया था। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है कि प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति में पीएम के बाद शपथ लेने वाला व्यक्ति इस समिति के बैठक की अध्यक्षता करता है। ऐसे में राजनाथ सिंह का इसमें शामिल नहीं होने पर काफी हैरानी जताई गई थी। वहीं पिछली बार रक्षा मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण को इस समिति के सदस्य के रूप में शामिल थीं।