यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों की तैनाती को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच वार्ता से पहले दोनों के बीच गहरे मतभेद सामने आए हैं। दोनों के बीच एक दौर की बातचीत हो चुकी है। बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने उम्मीद जताई है कि जनवरी के लिए निर्धारित राजनयिक वार्ता के दौरान तनाव कम करने का मार्ग खुल सकता है। जिनेवा में नौ और 10 जनवरी को वार्ता की तिथि निर्धारित की गई है।
ताजा घटनाक्रमों को लेकर बाइडेन ने कहा कि उन्होंने फोन पर बातचीत के दौरान पुतिन को सलाह दी कि आगामी वार्ता तभी सार्थक हो सकती है जब रूसी नेता आने वाले दिनों में तनाव को कम करें। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने पुतिन को यह स्पष्ट करने की भी मांग की कि अगर रूस ने यूक्रेन पर और आक्रमण किया तो अमेरिका और उसके सहयोगी रूस पर दंडात्मक प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं।
बाइडेन ने कहा, ‘मैंने राष्ट्रपति पुतिन को स्पष्ट कर दिया है कि अगर वह यूक्रेन में और कदम उठाते हैं तो हमारे ऊपर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम नाटो सहयोगियों के साथ यूरोप में अपनी मौजूदगी बढ़ाएंगे।’ बाइडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने शुक्रवार को जिनेवा वार्ता की तैयारी पर अपना ध्यान केंद्रित किया, जो नौ और 10 जनवरी के लिए निर्धारित है, जिसमें रूस द्वारा यूक्रेन के साथ अपनी सीमा पर लगभग 1,00,000 सैनिकों की तैनाती पर चर्चा की जाएगी।
बाइडेन ने रविवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की। वाइट हाउस के अनुसार, दोनों नेताओं की आगामी राजनयिक गतिविधियों की तैयारियों की समीक्षा करने की योजना है। इस बीच, पुतिन के एक शीर्ष सहयोगी ने कहा कि रूस लिखित सुरक्षा गारंटी की अपनी मांगों पर कायम है। उन्होंने कहा कि रूस चाहता है कि यह संहिताबद्ध हो कि नाटो के किसी भी भविष्य के विस्तार के लिए यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को बाहर करना चाहिए।