भारत के दक्षिण में स्थित तटीय देश श्रीलंका के आर्थिक स्थिति किसी से छिपी नहीं है। वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण वहां के लोग पेट्रोल से लेकर खाने तक के लिए महोताज है। इसके पीछे का कारण श्रीलंका की सरकार के द्वारा अपनी आय और खर्चों में संतुलन नहीं बनाए रखना है, जिसके कारण आज उनके देश पर करीब 6 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है। वहीं, भारत में भी कई ऐसे राज्य है जिन पर श्रीलंका के बराबर कर्ज है। आज हम आपको भारत उन राज्यों के बारे में बताएंगे, जो अधिक कर्ज का बोझ के तले दबे हुए हैं।

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इन राज्यों पर सबसे अधिक कर्ज: इस मामले में भारत के सबसे अग्रणी माने जाने वाले राज्य सबसे ऊपर हैं। भारत सरकार के व्यय विभाग के अनुसार तमिलनाडु पर कर्ज 6.6 लाख करोड़ रुपए, महाराष्ट्र पर 6 लाख करोड़ रुपए, पश्चिम बंगाल पर 5.6 लाख करोड़ रुपए, राजस्थान पर 4.7 लाख करोड़ रुपए और पंजाब पर 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।

बढ़ते कर्ज पर अधिकारियों ने जताई चिंता: हाल ही में हुई प्रधानमंत्री और केंद्र के बड़े अधिकारियों के बीच हुई बैठक हुई थी। इसमें अधिकारियों ने चुनावों के दौरान कई राज्यों में हुए लोकलुभावन वादों को लेकर चिंता जताई थी। अधिकारियों का कहना था कि ऐसे वादों के कारण राज्य सरकारों के खजानों पर अधिक बोझ पड़ सकता है और देश के कई राज्यों की स्थिति भी श्रीलंका जैसी हो सकती है।

प्रधानमंत्री के साथ यह बैठक करीब 4 घंटे तक चली थी जिसमें एनएसए अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा देश के कई बड़े आईएएस अधिकारी शामिल हुए थे।

श्रीलंका को भारत ने भेजी मदद: बढ़ते आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के लोगों का हाल महंगाई से बेहाल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका में एक चाय की कीमत करीब 100 रुपए तक पहुंच गई है। लोग खाने पीने के लिए चीजें नहीं है। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 13- 13 घंटे के पावर कट दिए जा रहे हैं। भारत ने हाल ही में श्रीलंका को 40 हजार डीजल की चार खेप और 40 हजार टन चावल की खेप भेजी है।