गुजरात के राजकोट स्थित गेमिंग जोन में शनिवार की दोपहर लगी भीषण आग में 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत के मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। रविवार को छुट्टी के दिन होने पर भी कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई थी। जस्टिस बीरेन वैष्णव और जस्टिस देवन देसाई की पीठ ने हाईकोर्ट ने कहा था कि यह एक मानव निर्मित आपदा है। कोर्ट ने गेमिंग जोन को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से एक दिन में रिपोर्ट मांगी थी। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया।

हाईकोर्ट ने राजकोट नगर निगम प्रशासन को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा- बच्चों समेत 28 लोगों की मौत के बाद आपको अब पता चल रहा है कि शहर में दो गेमिंग जोन बिना परमिशन के चल रहे हैं। क्या आप अंधे हो गए हैं, या फिर सो रहे हैं?

कोर्ट ने कहा, “शहर में गेमिंग सेंटर अनधिकृत परिसर में बनाए गये थे और फायर सेफ्टी की एनओसी भी नहीं थी। यह सब कुछ पिछले चार साल से चल रहा था। अब हमें नगर प्रशासन और गुजरात सरकार पर भरोसा नहीं रहा। कोर्ट ने कहा- यह त्रासदी आंखें खोलने वाली है, सबसे दुखद बात यह है कि इसमें मासूम बच्चों की भी मौत हुई है।”

एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने जनहित याचिका की याचना की थी

सोमवार को राज्य सरकार की ओर से दोनों अपर महाधिवक्ताओं मनीषा शाह और मितेश अमीन ने अपना पक्ष रखा। राजकोट अग्निकांड मामले में गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रिजेश त्रिवेदी और वकील अमित पंचाल ने खंडपीठ से इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर लेने का निवेदन किया था। पीठ ने कहा कि ‘गेम जोन’ में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री को रखा गया था। यह खतरनाक काम था और वहां आने वालों की सुरक्षा से खिलवाड़ था।

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा, “हम कई अखबार की रिपोर्ट पढ़कर हैरान हैं, जो इंगित करती है कि राजकोट में गेमिंग जोन ने अवैध मनोरंजक गतिविधियों के निर्माण के लिए गुजरात कॉम्प्रिहेंसिव जनरल डेवलपमेंट कंट्रोल रेग्युलेशन (GDCR) में खामियों का फायदा उठाया है। ये सभी अथॉरिटी की उचित मंजूरियों के बिना चल रहे थे। टीन के शेड में काम चलाऊ स्ट्रक्चर में इन्हें चलाया जा रहा था। राजकोट के गेम जोन में तेजी से आग पकड़ने वाले पदार्थ, ईंधन, टायर, फाइबर ग्लास रखे थे।

वेल्डिंग से निकली चिंगारी की वजह से आग लगने की आशंका

राजकोट गेम जोन के सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि वेल्डिंग से निकली चिंगारी की वजह से वहां आग लगी थी। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो से पता चलता है कि आग सबसे पहले वेल्डिंग करते समय लगी थी। वीडियो में एक कोने से धुआं निकलता साफ दिख रहा है।

राजकोट कलेक्टर प्रभाव जोशी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि गेमिंग जोन की पहली मंजिल पर वेल्डिंग का काम चल रहा था, जिसके नीचे ज्वलनशील पदार्थों का ढेर रखा हुआ था। जोशी ने कहा, “इस तरह के अस्थायी ढांचों में इस्तेमाल होने वाली अन्य सामग्री के साथ फोम शीट, प्लास्टिक के गद्दे और थर्मोकोल का ढेर रखा हुआ था। इसलिए ऐसा लगता है कि वेल्डिंग के काम से कुछ लपटें उस सामग्री पर गिरीं, जिससे आग लग गई।”