Veer Savarkar Death Anniversary: हिन्दू राष्ट्रवाद की राजनीतिक विचारधारा हिंदुत्व को विकसित करने का बहुत बड़ा श्रेय वीर सावरकर को ही जाता है। आज उनकी पुण्यतिथि है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम ने कहा कि राष्ट्र की स्वतंत्रता और अखंडता के प्रति उनके अटूट समर्पण को देश याद रखेगा। पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा कि “वीर सावरकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि। हमारे देश की स्वतंत्रता और अखंडता के लिए भारत उनकी वीरता और अटूट समर्पण को हमेशा याद रखेगा। उनका योगदान हमें अपने देश के विकास और समृद्धि के वास्ते प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी वीर सावरकर को पुण्यतिथि पर याद किया है। शाह ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को अपने विचार और दृढ़ संकल्प से मजबूती देने वाले वीर सावरकर जी को पुण्यतिथि पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। सावरकर जी के जीवन का हर क्षण राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। देश को स्वतंत्र कराने की उनकी अटल आकांक्षा को कालापानी की यातनाएं भी डिगा नहीं पाईं।

अस्पृश्यता को देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा मानने वाले सावरकर जी ने अपने अविरल संघर्ष, ओजस्वी वाणी और कालजयी विचारों से जन-जन को स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। स्वभाषा, स्वभूषा व स्वदेश के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले स्वातंत्र्यवीर का त्याग व राष्ट्रभक्ति आने वाली पीढ़ियों को ध्रुवतारे के समान दिशा दिखाती रहेगी।

नितिन गडकरी ने भी सावरकर को किया याद

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी वीर सावरकर को याद किया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “प्रखर राष्ट्रभक्ति और अतुलनीय प्रतिभा के अनूठे संगम, स्वतंत्रता नायक विनायक दामोदर सावरकर जी को शत-शत नमन”।

26 फरवरी को हुआ निधन

बता दें कि 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के भांगूर में जन्मे विनायक दामोदर सावरकर देश के पहले ऐसे क्रांतिकारी हैं, जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उन्हें अंडमान की जेल में रखा गया था। इसे काला पानी की सजा के तौर पर याद किया जाता है। वीर सावरकर को कोल्हू में बैल की जगह लगाकर कठोर यातनाएं दी गईं। वकील, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी, विचारक और समाज सुधारक वीर सावरकर का निधन 26 फरवरी, 1966 को हो गया था।